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EXPLAINER: BPSC में क्या है Normalisation, जिसको लेकर मचा हुआ है बवाल, जानिए बारीकियां

Normalisation In BPSC: BPSC की परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जानी है। इसी वजह से नॉर्मलाइजेशन का मुद्दा गरमाया हुआ है। दरअसल, जब दो पालियों में…

पटनाDec 07, 2024 / 03:37 pm

Anurag Animesh

What Is Normalisation In BPSC

What Is Normalisation In BPSC

What Is Normalisation In BPSC: बिहार में BPSC को लेकर बवाल मचा हुआ है। यह बवाल BPSC 70th exam में Normalisation को लेकर मचा हुआ है। छात्र BPSC परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे हैं। यह हंगामा तब बरपा है, जब कुछ ही दिनों बाद 13 दिसंबर को BPSC 70th परीक्षा होना है। इस परीक्षा में तकरीबन 4.8 लाख छात्र भाग लेने वाले हैं। यह परीक्षा 925 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। छात्रों की मांग है कि जो परीक्षा दो शिफ्ट में करवाई जा रही है, उसे एक ही शिफ्ट में की जाए। छात्रों की मांग One Shift One Exam है। हालांकि आयोग ने Normalisation की बात को अफवाह बताया है।
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क्या होता है नॉर्मलाइजेशन (What Is Normalisation?)


BPSC की परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जानी है। इसी वजह से नॉर्मलाइजेशन का मुद्दा गरमाया हुआ है। दरअसल, जब दो पालियों में किसी परीक्षा को आयोजित किया जाता है तो परीक्षाओं के अंकों को एक बराबर जैसा करने के लिए Normalisation की मदद ली जाती है। यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब दो पालियों में प्रश्न पत्रों का कठिनाई स्तर अलग-अलग होता है। इसलिए दोनों पालियों के उम्मीदवारों के नंबर पर इसका असर न हो, इसलिए इस प्रक्रिया को अपनाया जाता है।
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Normalisation: कैसे काम करती है यह प्रक्रिया?

नॉर्मलाइजेशन विभिन्न पालियों में आयोजित परीक्षाओं के अंकों को मुख्यतः सामान्यीकृत करने के लिए किया जाता है। मान लीजिये कि पहले शिफ्ट में प्रश्न पत्रों का स्तर दूसरे शिफ्ट के प्रश्न पत्रों से कठिन होता है। इस परिस्थिति में नॉर्मलाइजेशन के के माध्यम से पहली पाली के छात्रों के अंकों को बढ़ाया जाएगा। इससे दूसरी पाली के छात्रों के बराबर उन्हें भी लाएगा जाएगा। इसी प्रक्रिया को Normalisation का नाम दिया गया है।
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BPSC 70th exam: छात्रों की क्या है मांग?


Normalisation के मुद्दे पर छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन से उनके अंकों पर असर पड़ता है। जिसके बाद मेरिट लिस्ट में छात्रों का स्थान नीचे चला जाता है। इसलिए छात्र यह मांग कर रहे हैं कि इस परीक्षा को एक ही शिफ्ट में आयोजित किया जाए ताकि ऐसी कोई न आ सके।

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