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रोजगार और मांग में सुस्ती है बड़ी वजह
मूडीज के अनुसार, भारत की आर्थिक विकास दर 2020-21 में 6.3 फीसदी रह सकती है। रेटिंग एजेंसी ने इससे पहले 2020-21 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया था। मूडीज ने उपभोग प्रवृत्ति पर एक रिपोर्ट में कहा, “निवेश को लेकर शुरू हुई सुस्ती से आर्थिक विकास की रफ्तार मंद पडऩे लगी और अब ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के वित्तीय दबाव में होने और रोजगार सृजन की दर मंद पडऩे के कारण उपभोग में भी सुस्ती आ गई है।”
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इन एजेंसियों ने भी दिया झटका
इससे पहले डीबीएस क्रिसिल, गोल्डमैन सैसे, एशियन विकास बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक ने भी जीडीपी के अनुमान में बड़ी कमी की थी। डीबीएस बैकिंग समूह ने देश की जीडीपी अनुमान को 5.5 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया। एडीबी ने बीते बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का अनुमान घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया था। रिजर्व बैंक भी चालू वित्त वर्ष की पांचवीं द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में जीडीपी का अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान जता चुका है। इससे पहले ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैसे और क्रिसिल दोनों ही भारत की जीडीपी रफ्तार को पहले के छह प्रतिशत की तुलना में घटाकर 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त कर चुके हैं।