केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि एफपीओ की मदद से किसानों के लिए नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना सुगम हो जाएगा और उनको खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का भी फायदा मिल पाएगा। उन्होंने यह बातें लघु कृषक कृषि व्यापार संघ यानी एसएफएसी की 25वीं प्रबंधन बोर्ड एवं 20वीं वार्षिक साधारण सभा की बैठक को संबोधित करते हुए कहीं।
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6850 करोड़ रुपए होंगे खर्च
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 10,000 एफपीओ बनाने की योजना पर अभियान के रूप में कार्य कर रही है। इस पर 6,850 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। ये एफपीओ बनने से देश के छोटे व मझौले किसानों को बहुत सुविधाएं मिलेगी और उनका जीवन स्तर ऊंचा उठेगा। एफपीओ की मदद से किसानों को अपनी कृषि उपज का वाजिब मूल्य मिलेगा, वे महंगी फसलों की ओर आकर्षित होंगे, नई तकनीक से जुड़ेंगे और फूड प्रोसेसिंग की ओर बढ़ सकेंगे।
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इनकी रही भूमिका
मंत्री तोमर ने कहा कि एसएफएसी बधाई के साथ प्रशंसा का भी पात्र है, क्योंकि उसने कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन के वक्त भी बेहतर भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार में एक हजार मंडियां राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से जुड़ चुकी हैं और इन पर चार करोड़ मीट्रिक टन से अधिक के जीन्सों का व्यापार किया जा चुका है, जिसका मूल्य 1.20 लाख करोड़ रुपए है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य आम किसानों व व्यापारियों को पारदर्शिता के साथ सुविधाएं देना है, उम्मीद है कि इस काम को और बेहतर बनाने की दिशा में एसएफएसी काम करेगा।
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कई संगठन कर रहे हैं काम
तोमर ने कहा कि 10,000 एफपीओ के गठन के लिए अनेक संगठन काम कर रहे हैं। इस पूरी परियोजना को संचालित करने व प्रभावी बनाने में एसएफएसी की मुख्य भूमिका है। उन्होंने कहा कि अच्छे भविष्य को हम कैसे गढ़ सकें, इस दिशा में विचार होना चाहिए। देश में एफपीओ का पूरा संसार बनने वाला है। सरकार की मंशा किसानों के व्यापक हित में कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाना है, इसके लिए मंथन करके तेजी से काम किया जाना चाहिए।