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मनमोहन ने बताए तीन कदम
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश के पूर्व प्रधानमंत्री और इकोनॉमिस्ट मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के आर्थिक सकंट को दूर करने के लिए सरकार द्वारा तीन कदम उठाना काफी जरूरी है। एक कि सरकार को लोगों की आजिविका के सकंट को दूर करते हुए उनके खातों में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर करना होगा। दूसरा कि सरकारी क्रेडिट गारंटी प्रोग्राम के थ्रू कारोबार को कैपिटल अरेंज करे। वहीं आखिरी और तीसरा कदम है कि इंस्टीट्यूशनल ऑटोनॉमी एंड प्रोसेस के तरीके से फाइनेंशियल सेक्टर को दुरुस्तम करना चाहिए।
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मनमोहन ने इस मंदी को नहीं माना डिप्रेशन
विदेशी मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने इस आर्थिक संंकट को डिप्रेशन मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वो ‘डिप्रेशन’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहते हैं। एक गहरी और लंबे समय तक आर्थिक मंदी अपरिहार्य थी। उन्होंने यह बात जोर देकर कही कि यह आर्थिक मंदी मानवीय संकटों की वजह से पैदा हुई है। यह हमारे समाज में कैद भावनाओं से केवल आर्थिक संख्या और तरीकों से देखने के लिए महत्वपूर्ण है।
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इंडियन इकोनॉमी सयंकट में
मौजूदा समय में भारतीय अर्थव्यवस्था काफी संकट में है। जिसकी शुरूआत कोरोना वायरस के आने से पहले ही हो चुकी थी, जिसे कोरोना के बाद और बल मिल गया। वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण महीरों की संख्या के हिसाब से बात करें तो भारत अमरीका और ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर है। इकोनॉमिस्टों की मानें तो 2020-21 वित्तीय वर्ष के लिए भारत की जीडीपी में तेज गिरावट आने की चेतावनी दी गई है। जो 1970 के दशक के बाद सबसे खराब मंदी हो सकती है।