कौन है किसपर भारी
अब इन दोनों ट्वीट के साथ ही कांग्रेस ने भाजपा की कुल ट्विटर कैंपेन की तुलना में पांच गुना खर्च किया है। बता दें कि गत मार्च के बाद से भाजपा ने अब तक इसके लिए 1.4 लाख रुपए खर्च किए हैं। ये आंकड़े Twitter Ads Transparency Centre पर लिस्ट किए गए हैं। इसे भारत में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लाया गया ताकी चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियों द्वारा कुल खर्च के बारे में पता लगाया जा सके। कुल मिलाकर उम्मीद के मुताबिक, भाजपा की ट्वीट की तुलना में कांग्रेस के इन दोनों Tweets का इंप्रेशन बेहतर रहा है। लेकिन दिलचस्प बात है कि प्रति रुपए इंप्रेशन के लिहाज से देखें तो भाजपा को इसमें फायदा हुआ है। बताते चलें कि भाजपा के Twitter फाॅलोवर्स जहां एक करोड़ हैं, वहीं कांग्रेस के Twitter फाॅलोवर्स की संख्या केवल 50 लाख ही है।
फेसबुक की तुलना में किसने कितना किया खर्च
Facebook जैसे दूसरे सोशल मीडिया की तुलना में राजनीतिक पार्टियों के लिए Twitter अभी भी कुछ खास कैंपेनिंग प्लेटफाॅर्म के तौर पर नजर नहीं आ रहा है। भाजपा ने अब तक फेसबुक पर इस साल चुनाव कैंपेन में कुल 3.6 करोड़ रुपए खर्च कर दिया है। फेसबुक की तुलना में भाजपा ने Twitter कैंपेन के लिए केवल 0.4 फीसदी ही खर्च किया है। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने फेसबुक पर कैंपेन के लिए 91 लाख रुपए खर्च किए हैं। इस तुलना में कांग्रेस ने अपने ट्विटर कैंपेन के लिए केवल 7.5 फीसदी ही खर्च किया है।
नेता भी नहीं हैं पीछे
तमिलनाडु की तमिलनाडू यूथ पार्टी ( Tamil Nadu Youth Party ) तीसरी और अंतिम राजनीतिक पार्टी है, जिसने पाॅलिटिकल एडवर्टाइजर्स के तौर पर Twitter पर रजिस्टर किया है। इस पार्टी ने फेसबुक के अपने आधिकारिक पेज पर कोई ऐड नहीं जारी किया है। नेताआें की बात करें तो केवल 8 ही नेताआें ने ट्विटर पर खुद को एडवर्टाइजर्स के तौर पर रजिस्टर किया है। दोनों राजनीतिक पार्टियों की तरह ही इन नेताआें ने भी ट्विटर ऐड कैंपेन में काफी कंजूसी की है। इस प्लेटफाॅर्म पर सबसे अधिक खर्च करने वाले नेता में ओड़िशा के बिजू जनता दल के नवीन पटनायक रहे हैं। इस लिस्ट में बीजेपी के कुल 4 उम्मीदवार हैं।