सतर्क नहीं हुए तो 2034 तक खड़ी हो सकती है समस्या
पीडब्ल्यूसी की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि तेजी से नौकरियों के अवसर पैदा नहीं होते हैं तो आगे चलकर इससे भारत के लिए संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। डेटा के अनुसार, भारतीय आबादी की मौजूदा उम्र 27.6 वर्ष है। कुल आबादी के आधे से भी अधिक लोग 25 वर्ष से कम आयु के हैं। पीडब्ल्यूसी ने अपने रिपोर्ट में कहा, “अगले 15 साल तक भारत की आबादी आैर कम होती जाएगी लेकिन साल 2034 के बाद भारतीय आबादी की आैसत उम्र बढ़ती जाएगी।”
नीति आयोग के सीर्इआे ने क्या कहा
इस रिसर्ज एजेंसी ने अपने रिपोर्ट में इससे निपटने के लिए सुझाव भी दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका एक ही हल है आैर वो ये कि नौकरीपेशा उम्र के लोगों के लिए सही समय पर नौकरियों के अवसर पैदा करना। इस रिपोर्ट के बाद नीति आयोग के सीर्इआे अमिताभ कंत ने कहा, “यह चुनौती सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के लिए है। क्योंकि भारत की कुल आबादी का छठा हिस्सा उत्तर प्रदेश में रहता है। इसके साथ ही आबादी के मामले में उत्तर प्रदेश देश का सबसे युवा राज्य है।” कंत ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें नौकरी के पारंपरिक जरियों के साथ ही कृषि, डेयरी, रूरल एंटरप्रेन्योरिशप आैर अनौपचारिक सेक्टर में भी अवसर तलाश करने चाहिए।
पीडब्ल्यूसी ने दिया पांच सूत्रीय प्रस्ताव
एक आंकड़े के मुताबिक साल 2027 तक भारत में 10 करोड़ नर्इ नौकरियों की जरूरत है। इसमें 80 फीसदी नौकरियां केवल 10 राज्यों की आबादी को ही चाहिए। इस रिपोर्ट ने ‘नागरिक’ नाम से अपने एक प्रस्ताव में कहा है कि नागरिक, सरकार आैर प्राइवेट इकार्इयां कैसे एक साथ अाकर नर्इ नौकरियां के अवसर बना सकते हैं। इस प्रस्ताव में पीडब्ल्यूसी ने पांच सूत्रीय सुझाव भी दिया है।
1. ‘नागरिक’प्लान के तहत सरकार, लोगों व प्राइवेट इकाइंयों को एक साथ आना चाहिए।
2. नौकरियों के अवसर के लिए लोगों के व्यापार एवं आर्थिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए बाजार के तरफ भी रुख करना चाहिए।
3. हर राज्य को अपनी क्षमता आैर काबिलियत का फायदा उठाना चाहिए।
4. पब्लिक सेक्टर व सरकार को भी अपनी क्षमता के अनुसार इस क्षेत्र में काम करना चाहिए।
5. सबसे अधिक ध्यान लंबे अवधि को लेकर नौकिरयों के बारे में प्लानिंग करनी चाहिए।