इसलिए अनाज की चिंता नहीं
कोरोना वायरस से बचने के लिए किए गए लॉकडाउन से जायद सीजन की फसलों की बुवाई बेअसर रही है। देशभर में जायद फसलों का रकबा पिछले साल के मुकाबले ३१ फीसदी से ज्यादा बढ़ गया है। गरमी के सीजन में जिन फसलों की बुवाई होती है, उनको जायद फसल या गरमा फसल कहते हैं। रागी छोड़कर बाकी सभी मोटे अनाज, दलहन, तिलहन समेत इस गर्मा धान की बुवाई में तेजी आई है।
जायद फसलों का रकबा बढ़ा
– मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में जायद फसलों का रकबा 48.76 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 11.64 लाख हेक्टेयर यानी 31.35 फीसदी अधिक है।
– धान का रकबा 32.58 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 23.81 लाख हेक्टेयर था।
– दलहनों का रकबा 3.97 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 3.01 लाख हेक्टेयर था।
– मोटे अनाजों की बुवाई 5.54 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल इस समय तक 4.33 लाख हेक्टेयर मे हुई थी।
– वहीं, तिलहनों का रकबा 6.66 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल इस समय तक 5.97 लाख हेक्टेयर था।
रबी की फसलों का भी बढ़ा था रकबा
– रबी फसलों का रकबा लगभग 7 फीसदी बढ़ा है।
– सबसे ज्यादा गेहूं का रकबा 10 फीसदी तक बढ़ा है।
– चने का रकबा 5.07 लाख हेक्टेयर से ज्यादा बढ़ा है।
– देशभर में गेहूं की बुवाई 297.02 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है।
– सभी रबी फसलों तो कुल रकबा 571.84 लाख हेक्टेयर हो चुका है।
– पिछले साल इसी समय यह रकबा 536.35 लाख हेक्टेयर था।
– पिछले साल की अपेक्षा रबी फसलों की बुवाई का रकबा 6.62 फीसदी तक बढ़ चुका है।
– दलहन में चना का रकबा भी 94.96 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है जो पिछले साल की अपेक्षा 5.64 फीसदी ज्यादा है।
– वहीं दलहनी फसलों का रकबा 140.13 लाख हेक्टेयर हो चुका जो पिछले साल की अपेक्षा 3.30 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
– मोटे अनाजों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 4.54 लाख हेक्टेयर बढकऱ 46.66 लाख हेक्टेयर रहा।