script21 जून को GST Council की 35वीं बैठक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में इन मुद्दों पर होगी चर्चा | GST Council 35th Meeting on 21st June under FM Nirmala Sitharaman | Patrika News
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21 जून को GST Council की 35वीं बैठक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में इन मुद्दों पर होगी चर्चा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहली बार जीएसटी काउंसिल की अध्यक्षता करेंगी।
जीएसटी कलेक्शन को बढ़ाने पर सरकार की उम्मीद।
ई-वे बिल को लेकर बन सकता है सख्त प्लान।

Jun 17, 2019 / 12:55 pm

Ashutosh Verma

Nirmala Sitharaman

21 जून को जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में इन मुद्दों पर होगी चर्चा

नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ( GST Council ) अपने आगामी बैठक में टैक्स चोरी रोकने के लिए बड़े फैसले ले सकती है। GST काउंसिल की यह बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) की अध्यक्षता में होगी, जिसमें वो पहली बार इस काउंसिल की अध्यक्षता करेंगी। जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में ई-वे बिल ( e-way bill ) से लेकर कंपनियों की जियोटैगिंग तक पर चर्चा होगी।

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किना मुद्दों पर लिया जा सकता है फैसला

करीब दो साल पहले लागू हुए इस नए इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम ( Indirect Tax System ) में होने वाली चोरी और लक्ष्य से कम जीएसटी कलेक्शन को दुरूस्त करना इस बार की बैठक में प्रमुख मुद्दा रहेगा। सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ होने वाली इस बैठक में टैक्स अनुपालन पर भी चर्चा होगी। काउंसिल के सामने इस बार बड़ी कंपनियों के लिए ई-इनवॉइसिंग, ई-वे बिल का वैलिडेशन और कंपनियों की जियोटैगिंग जैसे मसलों पर प्रस्ताव पेश किया जाएगा।

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इनवाइसिंग प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर

ई-इनवॉइस से लेनदेन में पारदर्शिता बढऩे की उम्मीद है। जीएसटी फ्रेमवर्क की एक मौजूदा सेफ्टी फीचर यह है कि पिछले लेनदेन पर जमा किए टैक्स पर रिबेट की सुविधा होती है। इससे खरीदार और विक्रेता के बीच पारदर्शिता बनी रहती है। शुरुआती दौर में ई-इनवाइसिंग बड़ी कंपनियों के लिए होगा, जिनका टर्नओवर अधिक है।

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ई-वे बिल की धांधली पर लग सकती है रोक

इस मामले से जुड़े एक जानकार का कहना है कि टैक्स चोरी का एक सबसे बड़ा कारण है कि एक ही ई-वे बिल को कई बार जेनरेट कर लिया जाता है। ऐसे में इन ई-वे बिल्स के वैलिडेशन पर इस चोरी को रोकने में कामयाबी मिलेगी। वैलिडेशन की इस प्रक्रिया में वाहनों के पेमेंट के बाद टोल प्लाजा से रेडियो फ्रिक्वेंसी की मदद से वेरिफिकेशन की जाएगी ताकि ई-वे बिल को गलत तरीक से इस्तेमाल कर टैक्स चोरी को रोका जा सके।

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अर्थव्यवस्था पर जीएसटी का बेहतर प्रभाव दिखने का समय

जानकारों का कहना है जीएसटी लागू होने के बाद से नुकसान का असर अब खत्म हो रहा है। एक जानकार ने बताया, “जीएसटी के पहले, आम आदमी को कैस्केडिंग प्रभाव की वजह से टैक्स का भार अधिक था। अब यह कम हो गया है। शुरुआती दौर में होने वाले नुकसान का असर अब खत्म हो चुका है। आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था पर इसका बेहतर असर पड़ेगा। भविष्य में अप्रत्यक्ष टैक्स प्रणाली का शानदार फल अब मिलने वाला है।”

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