ये भी पढ़े:- Donald Trump ने cryptocurrency की दुनिया को दिया नया मोड़, CBDC पर लगाई रोक रिलायंस और एनवीडिया का सहयोग (Reliance AI data center)
रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance AI data center) ने एआई तकनीक में वैश्विक नेता एनवीडिया से एआई सेमीकंडक्टर्स की खरीद की है। अक्टूबर 2024 में आयोजित एनवीडिया एआई समिट में इस साझेदारी की घोषणा की गई थी। इस दौरान एनवीडिया ने अपने अत्याधुनिक ब्लैकवेल एआई प्रोसेसर्स (Blackwell AI Processors) की आपूर्ति की पुष्टि की, जिन्हें रिलायंस द्वारा एक गीगावॉट क्षमता वाले डेटा सेंटर के निर्माण में उपयोग किया जाएगा।
जेनसन हुआंग ने भारत की एआई क्षमता को लेकर ये कहा
एनवीडिया के सीईओ जेनसन हुआंग ने भारत की एआई क्षमता को लेकर कहा, “भारत को अपनी एआई का निर्माण करना चाहिए। डेटा निर्यात कर इंटेलिजेंस आयात करने का कोई तर्क नहीं है। भारत को आटा निर्यात कर रोटी आयात नहीं करनी चाहिए। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने भी इस विचार का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “हम इंटेलिजेंस का उपयोग कर न केवल लोगों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि दुनिया में समानता भी ला सकते हैं। अमेरिका और चीन के बाद, भारत का डिजिटल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में सबसे बेहतरीन है।
AI में भारत की बढ़ती महत्वाकांक्षाएं
सितंबर 2024 में रिलायंस इंडस्ट्रीज और एनवीडिया ने भारत के विभिन्न भाषाई जरूरतों के लिए एआई (Reliance AI data center) सुपरकंप्यूटर और बड़े भाषा मॉडल (LLMs) विकसित करने की साझेदारी की थी। यह साझेदारी इस बात को दर्शाती है कि रिलायंस भारत की अनूठी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एआई का उपयोग करना चाहता है। एनवीडिया ने बाद में टाटा ग्रुप के साथ भी इसी तरह की साझेदारी की घोषणा की, जो भारत में एआई (Reliance AI data center) के बढ़ते महत्व को उजागर करता है।
सरकार की AI के प्रति प्रतिबद्धता
भारत सरकार ने एआई परियोजनाओं, स्टार्टअप्स और भाषा मॉडलों (LLMs) के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया है। हालांकि, भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री (Reliance AI data center) अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। देश में अभी तक कोई भी घरेलू चिप निर्माण सुविधा नहीं है। सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित करना एक महंगा और समय-साध्य काम है, जिसमें एक अत्यधिक विशेषीकृत कार्यबल की आवश्यकता होती है।
चुनौतियां और संभावनाएं
एआई तकनीक में भारत की प्रगति के बावजूद कई चुनौतियां बनी हुई हैं। सेमीकंडक्टर उत्पादन की कमी, कुशल तकनीकी कार्यबल और बड़े पैमाने पर निवेश की आवश्यकता जैसे मुद्दे अभी भी हल किए जाने बाकी हैं। हालांकि, रिलायंस, एनवीडिया और टाटा ग्रुप जैसी साझेदारियों के माध्यम से भारत एक मजबूत एआई (Reliance AI data center) केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है।
डिजिटल भारत का भविष्य
जामनगर में बनने वाला यह डेटा सेंटर न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक मिसाल बनेगा। यह परियोजना भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी और देश को एआई प्रौद्योगिकी में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करेगी। ये भी पढ़े:- मुकेश अंबानी की Cryptocurrency ने डिजिटल दुनिया में मचाई धूम, ब्राउज़िंग पर मिल रहे रिवॉर्ड टोकन भारत की AI यात्रा का एक ऐतिहासिक अध्याय
रिलायंस और एनवीडिया की यह साझेदारी दर्शाती है कि भारत केवल तकनीक का उपभोक्ता नहीं रहेगा, बल्कि इनोवेशन और निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा। यह पहल भारत की एआई यात्रा का एक ऐतिहासिक अध्याय है, जो न केवल देश के तकनीकी परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की प्रतिष्ठा को मजबूत करेगी।