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एक्विट रेटिंग्स का मानना है कि अतिरिक्त गैर-कर राजस्व खासतौर से विनिवेश से होने वाला फायदा प्रमुख घटक हो सकता है। कंपनी के अनुसार, सरकार अगर विनिवेश को प्राथमिकता देती है और उपभोग में स्थायी तौर पर सुधार होने के साथ-साथ बाजार में सकारात्मक रुझान बनता है तो कॉरपोरेट कर में 10 फीसदी की कटौती के बावजूद राजकोषीय घाटा 3.5-3.6 फीसदी तक सीमित रह सकता है।
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रेटिंग कंपनी ने एक रिपोर्ट में कहा कि सरकार का अनुमान है कि कॉरपोरेट कर कटौती से सरकार को 1.45 लाख करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा, हालांकि वास्तविक कमी इससे भी ज्यादा होगी क्योंकि उपभोग कम होने से अप्रत्यक्ष से प्राप्त राजस्व घटेगा जिससे राजकोषीय घाटा प्रस्तावित 3.3 फीसदी से घटकर चार फीसदी तक हो सकता है। हालांकि एक्विट का यह भी मानना है कि अगर गैर-कर राजस्व में वृद्धि होती है तो राजकोषीय स्थिति कहीं बेहतर रह सकती है।