9 महीने से लेकर दो साल का लग सकता है समय
फिक्की की रिपार्ट में बुरी तरह से कोरोना वायरस से प्रभावित रेस्तरां, ऑटो, रियल एस्टेट परिवहन एवं पर्यटन, मनोरंजन, लॉजिस्टिक्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को एक से दो साल का समय लग सकता है। रिपोर्ट के अनुसार कारोबार को दोबारा से पटरी पर लाना मांग की परिस्थितियों और कारोबार के टिकने पर निर्भर करता है। परिधान और सौंदर्य उत्पाद, पेय पदार्थ, मादक पेय, बीमा, कृषि, रसायन, धातु एवं खनन, सेवा, उद्योग, ऑफलाइन खुदरा और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्र कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से उबरने में 9 से 12 महीने का समय लेंगे।
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10 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की जरुरत
रिपोर्ट में उद्योग संगठम ने कहा है कि भारतीय उद्योग को इस संकट से उबरने के लिए तत्काल 9 से 10 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की आवश्यकता है, जो देश के कुल जीडीपी का चार से पांच फीसदी हिस्सा हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य देश भी इसी प्रकार के कदम उठा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार राहत और पुनर्वास के लिए प्रोत्साहन पैकेज की राशि अर्थव्यवस्था के सभी स्तरों तक पहुंचाई जाए। इसमें सबसे निचले पायदान पर रहने वाले लोग, असंगठित क्षेत्र के कामगार, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और बड़े कॉर्पोरेट शामिल हैं। वहीं फिक्की ने दो लाख करोड़ रुपए की राशि से ‘भारत आत्मनिर्भरता फंड’ के गठन का भी सुझाव दिया है।
इन सेक्टर्स में देखने को मिल रही तेजी
रिपोर्ट के अनुसार में खाद्य खुदरा, दूरसंचार, उपयोगिता सेवाओं और फार्मास्यूटिकल्स जैसी सेवाओं में अल्पावधि में वृद्धि देखी जाएगी, जो छह से नौ महीने की लंबी अवधि तक के लिए बनी रहेगी। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिबंधों और लॉकडाउन अवधि के दौरान ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवा, व्यक्तिगत देखभाल, ऑनलाइन मनोरंजन और शिक्षा क्षेत्र में भी उछाल रहेगा। आपको बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को पूरे देश में तीन हफ्तों यानी 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। तब से 25 मार्च से 14 फरवरी तक के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। वहीं दूसरी ओर अधिकतर राज्यों की ओर से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है।