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कोरोना के आगे घुटने टेक चुके थे हम
बिल गेट्स ने वेबिनार में कहा कि कोरोना वायरस के सामने हम पहले ही घुटने टेक चुके थे। जिसकी वजह से हम इस संक्रमण के आगे टिक नहीं पाए। उन्होंने कहा कि हम सभी महामारी के स्वभाव या यूं कहें कि प्रकृति को समझने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुए। उन्होंंने कहा कि जहां साउथ कोरिया और वियतनाम जैसे देशों की ओर से चतुराई, मुस्तैदी और साहस का परिचय दिया। वहीं दूसरी ओर एशियाई देशों ने अमरीकी और यूरोपीय देशों की तुलना में काफी बेहतर प्रयास और काम किया। जबकि चीन से जब यह महामारी निकली तो उसने शुरुआत में बड़ी-बड़ी गलतियां कर दी। वहीं उन्होंने एशिया के दो बड़े देशों भारत और पाकिस्तान को अभी बड़े खतरे में होना बताया है। भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में रोजाना 65 से 70 हजार तक का इजाफा देखने को मिल रहा है।
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गरीब देशों को 2022 तक करना पड़ सकता है इंतजार
रूस में कोरोना वैक्सीन की घोषणा हो चुकी है, लेकिन उसके तीसरे चरण का ट्रायल जारी है। बिल गेट्स ने कहा कोरोना वैक्सीन में शुरुआती सफलता मिल चुकी है। अब ह्यूमन ट्रायल तीसरे चरण की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने अनुमान के साथ कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन 2021 की पहली तिमाही में आ जाएगी। वैसे कुछ जगहों पर इससे ज्यादा समय भी लग सकता है। फिर भी विकसित देशों या यूं कहें कि अमीर देशों के लोगों के हाथों में 2021 की दूसरी तिमाही तक आ जाएगी। वहीं गरीब देशों की बात करें तो 2022 तक उन्हें इसके लिए इंतजार करना पड़ सकता है। यह इंतजार पहली या दूसरी तिमाही तक बढ़ सकता है। मतलब साफ है कि दुनिया की एक बड़ी आबादी को कोरोना के कहर से लंबे तक जूझना पड़ सकता है।
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90 हजार करोड़ तक हो सकते हैं खर्च
बिल गेट्स ने कहा कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर चर्चा हो रही है। कुछ देशों में काम चल रहा है। 6 स्तर पर कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन को बनाने में 75 से 90 हजार करोड़ रुपए तक खर्च हो सकते हैं। शायद इससे भी ज्यादा, लेकिन अरबों खरबों रुपयों की बर्बादी और इंसानी जीवन को बचाने के लिए यह खर्च काफी जरूरी है। ताकि करोड़ों लोगों की जिंदगियों को बचाया जा सके। कई कंपनियों की ओर से तो वैक्सीन की जगह इम्यून सिस्टम को बढ़ाने की दवाओं पर भी काम कर रही हैं। यह भी काफी जरूरी है।
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250 रुपए तक हो कोरोना वैक्सीन
बिल गेट्स ने कहा कि कोरोना वैक्सीन सभी को उपलब्ध होना जरूरी है। फिर चाहे वो अमीर हो या गरीब। इस पर हक सभी का होना जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि उसकी कीमत काफी वाजिब हो। उन्होंने कहा कि यही एक सबसे बड़ी चुनौती है। उनका मानना है कि दुनिया में सभी के लिए 250 रुपए की वैक्सीन होना काफी जरूरी है। उन्होने एक बात और जोर देकर कही कि कोरोना वैक्सीन खसरे की तरह से 80 से 90 फीसदी लोगों को लगाने की जरुरत नहीं है। यह 30 से 60 फीसदी आबादी को भी लग जाए तो भी महामारी पर से काबू पाया जा सकता है।