आधी हुई बेरोजगारी दर
भारत में बेरोजगारी की दर लॉकडाउन से पहले के लेवल पर आ गई है। 21 जून को समाप्त सप्ताह की सीएमआईई रिपोर्ट में बेरोजगारी दर गिरकर 8.5 फीसदी पर आ गई। जबकि अप्रैल और मई में बेरोजगारी दर 23.5 फीसदी के साथ उच्च स्तर पर आ गई थी। आपको बता दें कि लॉकडाउन के दौरान आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई थीं। जिसके कारण लोगों को नौकरियों से हाथ भी धोना पड़ा था। जब से लॉकडाउन खुला है, तब से परिस्थितियों में बदलाव देखने को मिला है।
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शहरी बरोजगारी दर अभी भी ज्यादा
सेंटर फोर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के अनुसारशहरी बेरोजगारी पूर्व-लॉकडाउन स्तरों से अभी भी अधिक है। आंकड़ों पर बात करें तो शहरी बेरोजगारी दर नवीनतम सप्ताह में 11.2 फीसदी पर है, जो पूर्व-लॉकडाउन स्तरों से ज्यादा है। यह अभी भी पहले की अवधि में 9फीसदी औसत की तुलना में 200 आधार अंकों से अधिक है। लॉकडाउन से पहले 13 सप्ताह की अवधि में औसत बेरोजगारी दर 9फीसदी थी।
ग्रामीण बेरोजगारी दर में गिरावट
वहीं बात ग्रामीण बेरोजगारी दर की करें तो लेकिन गिरावट देख्खने को मिली है। मनरेगा और खरीफ सीजन की बुआई जारी होने से गांवों में लोगों को रोजगार मिला है। आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण बेरोजगारी दर मार्च में 8.75 फीसदी थी। 3 मई को समाप्त सप्ताह में 27.1 फीसदी पर आ गई। उसके बाद से इसमें गिरावट लगातार जारी है।
जून के पहले तीन हफ्तों में बेरोजगारी की दर क्रमश: 17.5 फीसदी, 11.6 फीसदी और अब 8.5 फीसदी पर आई है। रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण भारत में बेरोजगारी दर 21 जून को समाप्त सप्ताह में घटकर 7.26 फीसदी पर आ गई है। 22 मार्च को समाप्त पूर्व-लॉकडाउन सप्ताह में यह 8.3 फीसदी पर थी।