यह भी पढ़ेंः- किसान ट्रेन ने लगाया शतक, पीएम नरेंद्र मोदी 100वीं किसान रेल को दिखाएंगे हरी झंडी
यह बदला जाएगा नियम
दरअसल इस नियम के तहत हर महीने 50 लाख से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी देनदारी का कम से कम एक प्रतिशत नकद में जमा कराने का प्रावधान किया गया है, जिस पर व्यापारियों के संगठन को आपत्ति हैै। कैट ने इस प्रावधान को उत्पादकता को बुरी तरह प्रभावित करने वाला बताया है। संगठन ने कहा है कि इस कदम से व्यापारियों पर अधिक वित्तीय दायित्व का बोझ पड़ेगा।
यह भी पढ़ेंः- 20 दिन से पेट्रोल और डीजल की कीमत में नहीं हुआ इजाफा, जानिए आज कितने चुकाने होंगे दाम
नियम को स्थगित का अनुरोध
व्यापारिक संगठन ने वित्त मंत्री से नियम 86-बी को लागू करने के फैसले को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का अनुरोध किया है, जिसे अगले साल एक जनवरी से लागू किया जाना है। इसके अलावा कैट ने वित्त मंत्री से जीएसटी फाइल करने और इनकम टैक्स ऑडिट रिटर्न की समयसीमा 31 दिसंबर 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च 2021 किए जाने की मांग की है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि किसी भी कर कानून को वर्ष के बीच की अवधि के दौरान बार-बार संशोधित करने के बजाय वित्तीय वर्ष की शुरूआत से ही लागू किया जाना चाहिए।