script27 और 28 मार्च को पड़ रही है शीतला अष्टमी, इन चीजों के भोग से देवी मां को करें प्रसन्न | sheetla ashtami will celebrate on 27th or 28th march, know puja vidhi | Patrika News
दस का दम

27 और 28 मार्च को पड़ रही है शीतला अष्टमी, इन चीजों के भोग से देवी मां को करें प्रसन्न

शीतला अष्टमी के दिन देवी मां को ठंडा भोजन चढ़ाना चाहिए, क्योंकि उस दिन चूल्हा नहीं जलना चाहिए
इस दिन घर के मेन गेट पर हल्दी से हाथों की छाप लगाने पर घर में समृद्धि आती है

Mar 25, 2019 / 11:30 am

Soma Roy

sheetla ashtami 2019

27 और 28 मार्च को पड़ रही है शीतला अष्टमी, इन चीजों के भोग से देवी मां को करें प्रसन्न

नई दिल्ली। कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। इसे बसौड़ा अथवा बसियौरा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देवी शीतला की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन देवी को ठंडी चीजों का भोग लगाने एवं व्रत रखने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस बार यह पर्व 27 एवं 28 मार्च को मनाया जाएगा।
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1.पंडित रवि दुबे के अनुसार शीतला अष्टमी के दिन सुबह 4 से 5 बजे के बीच स्नान करना शुभ माना जाता है। अब सफेद रंग का वस्त्र धारण करके देवी मां की पूजा करें।
2.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवी शीतला को ठंडे जल से स्नान कराने से पुण्य की प्राप्ति होती है। क्योंकि देवी मां को ठंडी चीजें पसंद है।

3.पंडित रवि दुबे के मुताबिक शीतला अष्टमी के दिन देवी मां को ठंडा भोजन चढ़ाएं। इसमें हलवा, पूड़ी एवं मिष्ठान रखें। इन सभी चीजों को शीतला अष्टमी के एक दिन पहले रात को बनाकर रख दें।
4.अब व्रत का संकल्प करते हुए देवी मां के सामने एक नारियल रखें। इस पर लाल कपड़ा एवं मौली भी लपेटें। इसके बाद देवी शीतला और नारियल पर सिंदूर लगाएं।

5.शीतला अष्टमी के दिन व्रत की कथा पढ़ें। अब कथा के समाप्त होने पर अपने घर के मुख्य द्वार पर दोनों हाथों से पीली हल्दी का छाप लगाएं। ऐसा करने से घर में समृद्धि आती है।
5.पूजन की समाप्ति पर देवी मां के पास रखा हुआ जल से भरा कलश उठाएं। अब उसमें आम के पत्ते डुबोकर पूरे घर में उसका जल छिड़कें। इससे नकारात्मकता दूर होगी।

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6.शीतला अष्टमी के दिन चूल्हा नहीं जलाना चाहिए। क्योंकि देवी मां को इस दिन ठंडा भोजन चढ़ता है। इसलिए व्रत रखने वालों को भी इस दिन बासी भोजन करना चाहिए।

7.मान्यता है कि शीतला माता शारीरिक कष्टों से छुटकारा दिलाती हैं। इसलिए शीतला अष्टमी को उनकी पूजा करने से व्यक्ति को चेचक या अन्य स्किन की बीमारियां नहीं होती हैं।
8.शीतला अष्टमी के दिन गाय को चारा खिलाने से भी देवी मां प्रसन्न होती हैं। इससे घर में खुशहाली आती है।

9.चूंकि शीतला अष्टमी में बासी भोजन किया जाता है, इसलिए इसे बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है।
10.इस बार शीतला अष्टमी का पर्व 27 और 28 मार्च को पड़ रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अष्टमी तिथि की शुरुआत 27 मार्च को रात 8:55 से होगी। जो कि 28 मार्च को रात 10:34 बजे खत्म होगी।

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