1.पीपली को पीपलामूल के नाम से भी जाना जाता है। ये अस्थमा की बीमारी के लिए रामबाण इलाज है। रोजाना इसके चूर्ण के सेवन से सांस लेने में होने वाली परेशानी दूर होती है। इससे ब्लॉकेज हुई नलियां खुलती हैं।
2.पीपली में एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक (antiseptic and antibiotic) गुण होते हैं। जिसके चलते ये वायरल बुखार में बहुत फायदा करता है। इसके सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होती है। 3.पीपली के चूर्ण के सेवन से पाचन तंत्र में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया खत्म होते हैं। इससे खाने को पचने में दिक्कत नहीं होती है।
4.छोटी पीपली के उपयोग आपको जीवाणु संक्रमण से बचा सकता है। इससे पेट खराब और उल्टी आने की समस्या से बचाव होगा। 5.पीपली का सेवन करने से लिवर को संक्रमण नहीं होता है। क्योंकि ये शारीरिक क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करता है।
6.पीपली के इस्तेमाल से प्रजनन क्षमता भी बेहतर होती है क्योंकि ये शरीर में उत्तेजना बढ़ाने वाले हार्मोन को सक्रीय करते हैं। साथ ही शुक्राणुओं की संख्या में इजाफा करते हैं। 7.पीपली के चूर्ण को काली मिर्च के साथ पीसकर खाने से हड्डियां मजबूत होती है। इससे फ्रैक्चर या हड्डी की अन्य बीमारियों में आराम मिलता है।
8.पीपली के रस के सेवन से महिलाओं को पीरियड्स में बहुत लाभ होता है। इससे खून का प्रवाह एक समान रहता है। इससे दर्द से भी छुटकारा मिलता है। 9.नॉर्मल डिलीवरी चाहने वालो के पीपली बेहद कारगर साबित होता है। क्योंकि ये गर्भाशय के संकुचन (Uterine contractions) को उत्तेजित करने का काम करता है। जिससे आसानी से डिलीवरी होती है।
10.पीपली के इस्तेमाल से शारीरिक क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है। इससे शरीर हष्ट पुष्ट और ताकतवर बनता है।