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प्रेसवार्ता में प्रधान रोत ने कहा कि वह 40 वर्ष से पार्टी के कार्यकर्ता है। पांच बार से विधायक की टिकट मांग रहा हूं। इस बार वरिष्ठ नेताओं का भी आशीर्वाद भी मिला था। जिले से डूंगरपुर सीट के लिए 24 जनों ने दावेदारी जताई थी। लेकिन, जिन्होंने पांच वर्ष तक एक भी कार्यकर्ता की नहीं सुनी।
एक कॉल तक नहीं किया और नहीं कार्यकर्ता के फोन उठाए। पार्टी ने जन भावनाओं और कार्यकर्ताओं की मंशा से परे जाकर टिकट दिया है। पार्टी ने फैसला नहीं बदला, तो मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगा। प्रेसवार्ता में पूर्व विधायक लालशंकर घाटिया ने कहा कि पार्टी ने जिस व्यक्ति को टिकट दिया है। उन्होंने पांच वर्ष में एक भी वरिष्ठ नेता को तवज्जों नहीं दी। उन्होंने 20-25 अपने आसपास युवा रख रखे हैं उसे ही कांग्रेस बताते हैं। वरिष्ठों को दूर रखा है। लेकिन, वरिष्ठ नेताओं ने जब कांग्रेस को संभाला था उस समय विधायक का जन्म भी नहीं हुआ था। पार्टी किसी भी वरिष्ठ नेता को टिकट दे, हम जीता देंगे। पर, पार्टी फैसला नहीं बदलती है, तो रोत के समर्थन में रहेंगे। इस दौरान पूर्व प्रधान लक्ष्मण रोत ने भी विचार व्यक्त किए। इस दौरान बड़ी संख्या में शामिल समर्थकों ने रोत के समर्थन में नारेबाजी की।
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विधायक ने कहा..पार्टी ने देवराम रोत को दो बार प्रधान बनाया है। यदि पार्टी ने उन्हें टिकट दिया होता, तो मैं उनके साथ रहता। अब पार्टी ने जिसको टिकट दिया है, उसका साथ देना चाहिए। पार्टी में सभी को साथ लेकर चला हूं। – गणेश घोघरा, विधायक, डूंगरपुर
भाजपा में भी हो चुकी है बगावत: भाजपा में भी टिकट वितरण के साथ ही असंतोष के स्वर मुखर हो चुके हैं। डूंगरपुर से सीट से टिकट वितरण के साथ ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए रोष व्यक्त किया था।