राजनीति का रंग
दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने एवं विद्यालय से अधिक दूरी के कारण बीच में पढ़ाई छोड़ने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से वर्ष 2007-08 से शुरू हुई नि:शुल्क साईकिल वितरण योजना सरकार बदलने के साथ ही राजनीति की भेंट भी चढ़ी हैं। इसके साथ ही इनका रंग सरकार के साथ ही बदलता भी रहा है। कांग्रेस सरकार साइकिलों पर काला रंग तो भाजपा सरकार आते ही भगवा रंग करवा देती है। इस बार छात्राओं को भगवा रंग की साइकिलें मिलेगी।शिक्षक भर्ती के संशोधित परिणाम पर रोक हटी, राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा-नियुक्त शिक्षक नहीं हटेंगे
इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
योजना के तहत जिन बालिकाओं को ट्रांसपोर्ट वाउचर की राशि हर माह मिलती है। उन्हें साइकिल नहीं मिलेगी। सरकार की ओर से स्कूल के तीन से लेकर पांच किमी के दूरी से आने वाली छात्राओं को दैनिक उपस्थिति के हिसाब से 20 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से आने जाने के लिए अतिरिक्त दी जाती है।Rajasthan News : 14 दिसंबर को शुरू होगा राजसखी पोर्टल, फिर महिला उद्यमियों की हो जाएगी बल्ले-बल्ले
सरकार दें बजट
साइकिलों का वितरण नोडल केन्द्रों पर होगा। पर, नोडल केन्द्रों से संबंधित विद्यालयय तक साइकिलों को ले जाने के लिए कोई बजट के प्रावधान नहीं है। ऐसे में एक बार फिर बॉयज फण्ड पर परिवहन मद से मार पड़नी तय है।Gita Jayanti 2024 : अचरज में हैं लोग, भगवत गीता लाइब्रेरी में विदेशी पढ़ रहे श्लोक
योजना पर ही लग रहे हैं सवाल…
प्रदेश सरकार हर वर्ष हजारों साइकिलें बांट रही है। पर, इनकी उपयोगिता पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। वर्ष 2007-08 से शुरू हुई इस योजना के तहत जिले सहित पूरे प्रदेश में अब तक लाखों साइकिलें बांट दी गई है। यदि जिले की ही बात करें, तो इस वर्ष छह हजार साइकिलें बट रही है। पर, वितरण के दूसरे ही दिन स्कूलों में साइकिल लेकर पहुंचने वाली बालिकाओं की संख्या 10 फीसदी से भी कम रहती है। स्थितियां ये है कि यह साइकिल औने-पौने दाम में थोड़े दिन में भंगार में बिक जाती हैं। गुजरात आदि शहरों में लोडिंग लॉरी बनाने पहुंच जाती है। ऐसे में सरकार को साइकिल वितरण योजना की समीक्षा करने की जरूरत है।जयपुर डिस्कॉम का बड़ा कदम, सिर्फ 2 दिन में मिलेगा सोलर कनेक्शन
12 दिसम्बर को इतनी बटेगी
ब्लॉक – साइकिलआसपुर – 300
बिछीवाड़ा – 1000
चिखली – 400
डूंगरपुर – 900
दोवड़ा – 500
झोथरी – 500
गलियाकोट – 300
साबला – 400
सागवाड़ा – 1200
सीमलवाड़ा – 500 कुल – 6000