कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ताराचंद भगोरा ने यह आरोप रविवार को डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा की मौजूदगी में हुई प्रेसवार्ता में लगाए। उन्होंने कहा कि इन दोनों ने पांच साल में कांग्रेस में रहकर वागड़ में पार्टी को डुबाने का काम किया। विधायक गणेश घोघरा आगे बढ़ रहे थे, तो उनके भी पैर कतरने के प्रयास किए। गणेश को हराने के लिए दोनों ही नेता जुट गए थे।
भगोरा ने कहा कि बांसवाड़ा में कुछ नेता भाजपा में शामिल हुए है, तो वह नेता कांग्रेस में रहकर भाजपा के ही एजेंट थे। उनके जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पडऩा है। यह सब मालविया के ही अनुयायी थे, जिन्होंने गत चुनाव में भी भाजपा के लिए ही काम किया था।
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विधायक गणेश घोघरा ने कहा कि प्रधान देवराम रोत डूंगरपुर में कांग्रेस के खिलाफ खड़े हुए थे। कई पूर्व सरपंचों के नाम भी आ रहे हैं। लेकिन, उनका कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस बहुत मजबूत स्थिति में है और वह लोकसभा चुनाव में रिकार्ड मतों जीतेंगी। कांग्रेस से जाने वालों के लिए कोई गम नहीं है। इससे युवाओं को मौका मिलेगा।
केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए दोनों नेताओं ने कहा कि ये केवल थोथी गारंटियां देते हैं। वैट दर अब तक कम नहीं की। दो करोड़ रोजगार किसी को नहीं मिले। महंगाई बहुत बढ़ गई। राशन की दुकानों पर राशन नहीं मिल रहा है। पीएम आवास और मनरेगा खत्म होने के कगार पर है।