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क्या है स्पाइनल स्ट्रोक, कब होता है, कैसे पहचानें इसके लक्षण, उपचार क्या है? यहां जानें

अधिकतर स्पाइनल स्ट्रोक ब्लड सर्कुलेशन में ब्लॉकेज (आमतौर पर ब्लड क्लॉट्स) के द्वारा होता है। इसे इसचैमिक स्पाइनल स्ट्रोक्स कहते हैं…

Sep 17, 2018 / 01:42 pm

dilip chaturvedi

spinal stroke

spinal stroke

हाई ब्लड प्रेशर, अधिक कोलेस्ट्रॉल लेवल, हृदय रोगों और डायबिटीज के मरीजों को इसकी ज्यादा दिक्कत होती है। जो लोग धूम्रपान, अल्कोहल या अन्य नशा करते हैं और नियमित व्यायाम नहीं कर पाते हैं उनमें भी खतरा अधिक होता है। स्पाइनल कॉर्ड की ओर ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है, तो उसे स्पाइनल स्ट्रोक कहते हैं। इसके ठीक प्रकार से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में ब्लड की आपूर्ति जरूरी है। जब ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है तो स्पाइनल कॉर्ड को ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इस कारण ऊतकों को नुकसान होता है। ऐसे में वे क्षतिग्रस्त भी हो सकते हैं। स्पाइनल कॉर्ड से गुजरने वाले संदेश (नर्व इम्पल्स) ब्लॉक हो सकते हैं।

What are the symptoms of a spinal stroke? शरीर की गतिविधियां होती हैं प्रभावित
स्पाइनल स्ट्रोक कुल स्ट्रोक्स में से सिर्फ दो प्रतिशत होते हैं। इस स्ट्रोक के होने पर नर्व इम्पल्स (संदेश) भेजने में परेशानी होती है। ये नर्व इम्पल्स शरीर की गतिविधियों जैसे हाथों और पैरों को हिलाना और शरीर के अन्य अंगों के ठीक तरीके से कार्य करने और नियंत्रित करने का काम करते हैं।

Complications of a spinal stroke ब्लीडिंग के कारण भी होती दिक्कत
अधिकतर स्पाइनल स्ट्रोक ब्लड सर्कुलेशन में ब्लॉकेज (आमतौर पर ब्लड क्लॉट्स) के द्वारा होता है। इसे इसचैमिक स्पाइनल स्ट्रोक्स कहते हैं। कुछ स्पाइनल स्ट्रोक्स ब्लीडिंग के कारण होते हैं, जिसे हैमरेज स्पाइनल स्ट्रोक्स कहते हैं। यह हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोगों, डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा दिक्कत होती है। जो लोग धूम्रपान, शराब का सेवन करते हैं, नियमित व्यायाम नहीं करते हैं उन्हें भी खतरा अधिक होता है। स्पाइन में ट्यूमर, चोट लगने, स्पाइनल कॉर्ड दबने और पेट या हृदय की सर्जरी में यह दिक्कत होती है। स्पाइनल कॉर्ड सेंट्रल नर्वस सिस्टम (सीएनएस) का भाग है। इसमें मस्तिष्क भी सम्मिलित है। स्पाइनल स्ट्रोक्स, ब्रेन स्ट्रोक से कम होते हैं।

What are the symptoms of a spinal stroke? स्ट्रोक के घंटों बाद दिखाई देते हैं लक्षण
स्ट्रोक से स्पाइनल कॉर्ड को कितनी क्षति हुई है यह इस पर निर्भर करता है कि कॉर्ड का कौन-सा भाग प्रभावित हुआ है। अधिकांश मामलों में लक्षण तुरंत दिखाई देते हैं लेकिन कई बार ये स्ट्रोक आने के घंटों बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। इसके प्रमुख लक्षण हैं-
-अचानक गर्दन या कमर में तेज दर्द।
– पैरों की मांसपेशियां कमजोर हो जाना।
– मांसपेशियों में ऐंठन होना।
– सुन्नपन, हाथ-पैरों में झुनझुनी होना।
– लकवे की शिकायत, गर्म-ठंडा महसूस नहीं कर पाना प्रमुख लक्षण हैं।

How is a spinal stroke treated? एमईएस तकनीक कारगर
पहचान व जल्द इलाज से स्पाइनल कॉर्ड को स्थाई क्षति से रोक सकते हैं। यदि चोट के कारण स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव बढ़ रहा है, तो सर्जरी से दूर करते हैं। मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (एमईएस) तकनीक ने सर्जरी में छोटे-छोटे कट लगाते हैं और आधे घंटे से कम समय में सर्जरी करते हैं। इसमें ओपेन सर्जरी की तुलना में परेशानियां कम होती हैं। मरीज को जल्द हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाती है। संक्रमण की आशंका भी घटती है।

What causes a spinal stroke? अवसाद प्रमुख वजह
यदि स्पाइनल कॉर्ड के आगे के भाग में रक्त आपूर्ति कम हुई है, तो पैर लकवाग्रस्त होते हैं। सांस लेने में कठिनाई, मांसपेशियों में कमजोरी, अवसाद, ऑस्टियो-पोरोसिस, Disck की खराबी और ट्यूमर भी प्रमुख कारण होते हैं।

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