शोध में पाया गया : Stroke risk detection research
रिसर्च में पाया गया कि फिंगरप्रिंट में वैस्कुलर हेल्थ के 118 संकेत हैं और इसका एनालिसिस फंडस फोटोग्राफी से किया जा सकता है, जो रेगुलर हाई टेस्ट में उपयोग किया जाने वाला एक सामान्य उपकरण है।हाथ और पैर की उंगलियों में दर्द होना नहीं है सामान्य, हो सकते हैं ये 5 कारण
55 साल की औसत आयु
टीम ने रेटिना-बेस्ड माइक्रो वैस्कुलर हेल्थ असेसमेंट सिस्टम (आरएमएचएएस) नामक एक मशीन लर्निंग टूल का उपयोग किया जिसमें यूके में 55 साल की औसत आयु वाले 45,161 लोगों की आंखों की फंडस फोटो का एनालिसिस किया गया। जिसमें 12.5 सालों की औसत निगरानी अवधि के दौरान, 749 पार्टिपेंट्स को स्ट्रोक हुआ।29 को पहली बार स्ट्रोक का रिस्क
शोधकर्ताओं ने 118 संकेत किए जिसमें से 29 को पहली बार स्ट्रोक रिस्क था। जिसमें से भी 17 संकेत वैस्कुलर डेंसिटी से संबंधित थे। यह उस क्षेत्र के प्रतिशत को बताता है जहां पर ब्लड वेसेल्स होते हैं। यह रेटिना और मस्तिष्क में कम डेंसिटी स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है।स्ट्रोक जोखिम में 10.5-19.5 प्रतिशत की वृद्धि
अध्ययन बताता है कि डेंसिटी संकेतों के हर बदलाव में 10-19 प्रतिशत तक स्ट्रोक रिस्क बढ़ा हुआ था। जटिलता संकेतकों में कमी के कारण स्ट्रोक जोखिम में 10.5-19.5 प्रतिशत तक की वृद्धि देखने को मिली। इस बात को लेकर शोधकर्ताओं ने कहा कियह देखते हुए कि आयु और लिंग आसानी से उपलब्ध हैं और रेटिना पैरामीटर रेगुलर फंडस फोटोग्राफी के जरिए से प्राप्त किए जा सकते हैं, यह मॉडल खासतौर से प्राइमरी हेल्थ केयर के लिए घटना स्ट्रोक रिस्क इवेल्युएशन के लिए एक व्यावहारिक और आसानी से इंप्लीमेंटेबल अप्रोच देता है।