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सांसद का बीच रास्ते में ग्रामीणों ने रोक लिया वाहन, बांध निर्माण को निरस्त कराने किया प्रदर्शन

किसान संघर्ष मोर्चा ने गोरखपुर कस्बा में किया विरोध प्रदर्शनगोरखपुर. करंजिया विकासखंड अंतर्गत कस्बा गोरखपुर में बुधवार को किसान संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण, किसान व आमजन लामबंद होकर सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते को शोभापुर में बनने वाले बांध को निरस्त करने ज्ञापन सौंपा। क्षेत्रीय सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते जैसे ही कस्बा के चौराहे के […]

डिंडोरीSep 05, 2024 / 12:25 pm

Prateek Kohre

किसान संघर्ष मोर्चा ने गोरखपुर कस्बा में किया विरोध प्रदर्शन
गोरखपुर. करंजिया विकासखंड अंतर्गत कस्बा गोरखपुर में बुधवार को किसान संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण, किसान व आमजन लामबंद होकर सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते को शोभापुर में बनने वाले बांध को निरस्त करने ज्ञापन सौंपा। क्षेत्रीय सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते जैसे ही कस्बा के चौराहे के नजदीक पहुंचे तो आमजन ने शोभापुर बांध निरस्त करो निरस्त करो की आवाज बुलंद करते हुए उनका स्वागत किया। इसके बाद मंच में तीन पन्ने का हस्ताक्षर युक्त लिखित ज्ञापन सौंपा। शोभापुर बांध को लेकर क्षेत्र में विरोध बढ़ता ही जा रहा है। डूब प्रभावित क्षेत्रों के लोग आर-पार की लड़ाई लडऩे तैयार हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि जब न्यायालय ने बांध निर्माण निरस्त कर दिया है तो अब क्या जरूरत पड़ गई।
महिलाओं ने रोका रास्ता
बांध निरस्तीकरण के विरोध में ज्ञापन सौंपने के दौरान स्थानीय व आसपास के डूब प्रभावित क्षेत्रों से आई महिलाएं लामबंद होकर सांसद के वाहन के आगे खड़े होकर रास्ता रोक लिया। महिलाएं बांध निरस्त करने की बात लिखकर देने के लिए अड़ी रही। महिलाओं के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सांसद वाहन से नीचे उतरकर आए और उनकी मांग को लोकसभा में रखने की बात लिखकर दिया। इसके बाद महिलाएं वाहन के सामने से हटी।
बिना सहमति कर दिया भूमि पूजन
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि डिंडौरी, मंडला तथा अनुपपुर जिले का पुष्पराजगढ़ पूर्णत: अनुसूचित क्षेत्र हैं। अनुसूचित क्षेत्र में ग्रामवासियों की सहमति के बगैर नर्मदा नदी पर अपर नर्मदा परियोजना शोभापुर का निर्माण प्रस्तावित किया गया और परियोजना का डिजिटल भूमि पूजन शिलान्यास भी 29 फरवरी 2024 को कर दिया गया, जो कि नियम विरुद्ध हैं। परियोजना निर्माण क्षेत्र पूर्णत: अनुसूचित क्षेत्र में आता है। प्रभावित किसानों में 95 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति 1 प्रतिशत अन्य वर्ग के किसान है। भूमि अर्जन, पुर्नवासन और पुर्नव्यवस्थापन में नियमों का उल्लंघन किया गया है। यहां सारे नियम कानून को दरकिनार कर जबरदस्ती निर्माण कराया जा रहा है।

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