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तापमान में आई गिरावट, पैरे के ढेर में नजर आई बर्फ की चादर

अरहर की फसल पर पड़ा पाला का असर, किसानों को हुआ नुकसानडिंडौरी/अमरपुर. जनपद पंचायत अमरपुर क्षेत्र में वर्तमान समय में पड़ रही ठंडी के कारण खेत खलिहानों में सुबह के समय बर्फ की सफेद चादर जैसा नजारा देखने को मिला रहा है। खलिहान में रखे धान के पैरे के ढेर तो सुबह ऐसे नजर आते […]

डिंडोरीDec 19, 2024 / 02:41 pm

Prateek Kohre

अरहर की फसल पर पड़ा पाला का असर, किसानों को हुआ नुकसान
डिंडौरी/अमरपुर. जनपद पंचायत अमरपुर क्षेत्र में वर्तमान समय में पड़ रही ठंडी के कारण खेत खलिहानों में सुबह के समय बर्फ की सफेद चादर जैसा नजारा देखने को मिला रहा है। खलिहान में रखे धान के पैरे के ढेर तो सुबह ऐसे नजर आते हैं मानो जैसे बर्फ के पहाड़ हो। वहीं सुबह के समय मानो ऐसा महसूस होता है कि आसमान से ठंडे पानी की बौछार की जा रही हो। किसानों ने बताया कि इससे दलहन की फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा हैं। अरहर के कुछ पौधे तो सूखे भी दिखाई देने लगे हैं जिसे ग्रामीण क्षेत्र के किसान खर्रा मार गया कहते हैं।
धूप के बाद नुकसान का होगा वास्तविक आंकलन
गोरखपुर. जिले के करंजिया विकासखंड अंतर्गत कस्बा गोरखपुर सहित अंचल में पड़ी तीन दिन की बेतहाशा ठंड के साथ फसलों पर गिरे पाले ने अरहर की फसल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया हैं। सोमवार को अरहर लगे खेतों की ताजा स्थिति यह थी कि पाले से प्रभावित अरहर के दानों की फलियां और पत्ती पूरी तरह झुलसकर मुरझाने लगी हैं। लगातार गिर रहे तापमान के बाद किसानों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि किस खेतिहर का कितना नुकसान हुआ क्योंकि पाले का असर तुरंत नहीं दिखता। धूप लगने के बाद ही नुकसान का वास्तविक आंकलन होगा। क्षेत्र के किसान अनुभव के आधार पर शत-प्रतिशत नुकसान का अनुमान बता रहे हैं।
पाले ने किया दाल के लिए मोहताज
बंजरटोला के किसान मतवार यादव ने बताया कि खेत की मेढ़ों पर अरहर की फसल लगाई थी। फलियों में दाने आने लगे थे लेकिन पाले ने एक ही झटके में सारे अरमानों पर पानी फेर दिया। किसान ने बताया कि इनमें अब न दाने विकसित हो सकतें और न लागत वापस मिल पाएगी। वहीं सुनील सैयाम बुंदेला ने बताया कि चार दिन पहले तक अरहर की फसल पूरी तरह सुरक्षित थी। खेतों में हरी-भरी फसल देखकर सभी किसानों के चेहरों पर खुशी झलक रही थी उन्हें उम्मीद थी कि अरहर की फसल से सालभर दाल खाने की व्यवस्था हो जाएगी और जो अतिरिक्त उपज बचेगा उसे अच्छी कीमतों पर बेचकर अन्य जरुरतों की पूर्ति कर लेंगे लेकिन ऐन मौके पर तुषारापात से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। सोमवार की सुबह किसानों ने खेतों पर जाकर देखा तो पता चला कि अरहर की फसल पर पाला लग चुका हैं। अब दो दिन बाद फलिया के अंदर के दाने सूख जाएंगे और इनका रंग अभी से काला दिखने लगा हैं।
किसान बोले- तुरंत नहीं दिखता असर
धवाडोंगरी निवासी किसान प्रभु दयाल केवट ने बताया कि वर्तमान में हुए तुषारापात का असर फसलों पर तुरंत नहीं दिखता लेकिन दो-तीन दिन बाद स्पष्ट हो जाएगा कि अरहर की फसल को कितना नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि सुबह वह अपने खेत पर गए थे। पौधे के ऊपर के दाने वाली फली समेत डालियां सूखने लगी है बाकी फसलें तो ठीक है क्योंकि इनकी बोवनी अभी की गई है। उन्होंने बताया कि दो दिन धूप लगने के बाद नुकसान साफ दिखने लगेगा।
सर्वे कराने की मांग
अरहर फसल में पाले लगने के बाद अब क्षेत्र के किसान सरकार से प्रभावित फसलों की मांग को लेकर लामबंद हो गए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन व संबंधित विभाग के अधिकारियों से खेतों में जाकर फसल का वास्तविक आंकलन करने गुहार लगाई है। सोमवार को कस्बा आए किसान नंदकुमार मोंगरे तबलूटोला, पनकू आर्मो भलखोहा, बिरसिंह मरावी लालपुर ने बताया कि अरहर की फसल से आश नहीं कि दाना वापस मिल जाए क्योंकि तुषारापात के असर से दानों को पर्याप्त पोषण नहीं मिलेगा। धवाडोंगरी के किसान सीताराम बंजारा ने बताया कि पाले से केवल अरहर की फसल प्रभावित नहीं हुई बल्कि सब्जी में टमाटर, बैंगन, लौकी, सेमी, लालभाजी आदि भी पर भी पाले का असर हुआ है।

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