नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार ओमेगा -3 फैटी एसिड रक्त में वसा के स्तर को कम कर सकता है और रक्तचाप को कम कर सकता है। उच्च रक्तचाप किडनी की बीमारी का जाेखिम बढ़ाता है। अखरोट जैसे सूखे मेवों, अलसी, सूरजमुखी, सरसों के बीज, कनोडिया या सोयाबीन, स्प्राउट्स, टोफू, गोभी, हरी बीन्स, ब्रोकली, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियों और स्ट्रॉबेरी, रसभरी जैसे फलों में काफी मात्रा में ओमेगा -3 फैटी एसिड पाया जाता हैै।
शकरकंद के अतिरिक्त फाइबर धीरे-धीरे टूटते हैं। जिसके परिणामस्वरूप इंसुलिन का स्तर कम होता है। शकरकंद में विटामिन और खनिज भी होते हैं, जैसे पोटेशियम, जो शरीर में सोडियम के स्तर को संतुलित करने और गुर्दे पर इसके प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
लाल शिमला मिर्च पोटेशियम का कम लेकिन, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी 6, फोलिक एसिड और फाइबर का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं। इसमें पाया जाने वाला लाइकोपीन एंटीऑक्सिडेंट कैंसर से भी आपका बचाव कर सकता है। किडनी की सेहत के लिए आप लाल शिमला मिर्च को कच्चा सलाद के तौर पर, भून कर, तल कर खा सकते हैं।
फाइटोकेमिकल्स के भरपूर गोभी किडनी की सेहत बनाए रखने में मददगार होती है। इसमें विटामिन के, विटामिन सी, विटामिन बी 6, फाइबर और फोलिक एसिड उच्च मात्रा में पाया जाता है। आप अपनी डाइट में गोभी को सब्जी, सलाद व स्नैक्स के तौर पर शामिल कर सकते हैं।
लहसुन आपके दांतों पर कैवेटी नहीं होने देता। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के साथ सूजन को भी कम करता है। लहसुन का सेवन किडनी फंक्शन को बेहतर बनाता है। अपने आहार में आप कई तरह से लहसुन को शामिल कर सकते हैं।
पानी शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण पेय है। कोशिकाएं पानी का उपयोग विषाक्त पदार्थों को रक्तप्रवाह में ले जाने के लिए करती हैं। किडनी इन विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए पेशाब के ताैर पर पानी का उपयाेग करती है। किडनी की सेहत के लिए जब भी प्यास लगे पानी जरूर पिएं।