अगर खाना बनाते वक्त जरूरी साफ सफाई या अच्छे खाद्य पदार्थो का प्रयोग नहीं किया जाता तो ये फूड प्वाइजनिंग का कारण होता है। इसके अलावा ज्यादा समय तक रखा गया भोजन, अधपका अंडा, मीट, कच्चा दूध, पैक आइसक्रीम, बाहरी खाद्य पदार्थ, दूषित जल से बनाया गया भोजन खाने से भी फूड प्वाइजनिंग होता है।
फूड प्वाइजनिंग के लक्षण दूषित भोजन करने के छह घंटे के बाद सामने आते हैं। कुछ मामलों में ये पांच से दस मिनट के भीतर भी दिखने लगते हैं। इसमें उल्टी के साथ पेट में दर्द, बार-बार दस्त आना, बार-बार यूरीन आना और जलन होना, त्वचा रूखी हो जाना, मल में खून आना, बेहोशी या चक्कर आना, इसके प्रमुख लक्षण हैं। कुछ गंभीर मामलों में पलती दस्त होने के साथ उसमें खून आने लगता है। ऐसी स्थिति में बिना देर किए डॉक्टर को दिखाना चाहिए। समय पर इलाज न होने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। खाना और पानी दूषित होने से पीलिया का भी खतरा रहता है।
जिन लोगों को मधुमेह, कैंसर या अन्य किसी तरह का गंभीर रोग हो ऐसे लोगों को खानपान को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। एेसी लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है जिस कारण भोजन समय पर नहीं पचता पाता। ऐसे रोगियों को घर पर बना खाना ही खाना चाहिए। बाहर का खाना खाने से फूड प्वाइजनिंग हो सकती है।
फूड प्वाइजनिंग के रोगी को तीन हिस्से में बांटा जाता है। पहला सिवियर (अति गंभीर) मरीज की रिकवरी के लिए आईवी-फ्लयूड रिंगल लैक्टेड सॉल्यूशन दिया जाता है। इससे रोगी का बीपी बढ़ता है और शरीर में नमक और पानी की कमी पूरी होती है। नमक और चीनी का घोल लेने से भी इसमें फायदा होता है। ऐसी स्थिति में बिना देर किए डॉक्टर को दिखाना चाहिए। समय पर इलाज न होने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। डॉक्टर की सलाह पर ही कोई दवाई लेनी चाहिए।
फूड प्वाइजनिंग में रोगी को छांछ पीने के लिए देना चाहिए। छांछ में पुदाना, जीरा, नमक और काली मिर्च मिलाकर पिया जाए तो पेट में हैल्दी बैक्टीरिया बनते हैं जो पेट के भीतर मौजूद दूषित ‘पैथोजेनिक’ बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं। घर का बना गरम सूप, जूस का इस्तेमाल करने से फायदा होता है। रोगी की ऊर्जा बनी रहे इसके लिए दलिया, खिचड़ी देना फायदेमंद होता है।
उल्टी से राहत के लिए नींबू का रस, शहद या अदरक का रस देना चाहिए। पुदीन हरा की गोली से भी लाभ मिलता है। पाचनतंत्र को मजबूत बनाने के लिए संजीवनीवटी, चित्राकबटी के प्रयोग से राहत मिलेगी। लूज मोशन से राहत के लिए बेल चूर्ण, गंगाधर चूर्ण, कुटज की गोलियां इस्तेमाल करने से फायदा होगा।
यात्रा करते समय फूड प्वाइजनिंग हो जाए तो इमीडिएट ट्रीटमेंट के लिए ट्रैवलिंग किट में कुछ दवाएं रखनी चाहिए। इसमें ओआरएस सॉल्यूशन जरूर रखना चाहिए। ओआरएस सॉल्यूशन में सोडियम, पोटैशियम, सोडियम-बाइ-कार्बोनेट होता है जो तुरंत आराम पहुंचाता है।