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धौलपुर

पर्यटकों को टाइगर रिजर्व में भ्रमण के लिए करना होगा इंतजार

– धौलपुर-करौली अभी केवल अभयारण्य ही घोषित
– राज्य सरकार के गजट नोटिफिकेशन जारी होने पर अस्तिव में आएगा पांचवा टाइगर रिजर्व
– पर्यटक अगले साल ही नए टाइगर रिजर्व में कर सकेंगे सफारी

धौलपुरOct 02, 2023 / 06:31 pm

Naresh

 Tourists will have to wait to visit the Tiger Reserve

पर्यटकों को टाइगर रिजर्व में भ्रमण के लिए करना होगा इंतजार

धौलपुर. रणथम्भौर बाघ परियोजना के दूसरे डिवीजन करौली के कैलादेवी अभयारण्य व धौलपुर के जंगलों को मिलाकर अब प्रदेश में पांचवा टाइगर रिजर्व तैयार हो जाएगा। टाइगर रिजर्व के लिए राज्य सरकार की ओर से गजट नोटिफिकेशन जारी होना शेष है। माना जा रहा है कि गजट नोटिफिकेशन अगले एक सप्ताह में जारी हो सकता है।
अगर नहीं हो पाया तो फिर विधानसभा चुनाव के बाद प्रक्रिया शुरू होगी। इसके चलते फिलहाल पर्यटकों को टाइगर सफारी के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। संभावना है कि दिसम्बर या जनवरी में सफारी शुरू हो सकती है। नए टाइगर रिजर्व में करौली, धौलपुर के सरमथुरा व भरतपुर को कुल क्षेत्रफल 1058 वर्ग किमी रहेगा। विशेष बात ये है कि राज्य सरकार के गजट नोटिफिकेशन जारी करने के बाद नेशनल टाइगर कनजर्वेशन अथोरियटी (एनटीसीए) की ओर से रिजर्व पार्क में 20 फीसदी में ही पर्यटन गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी। यानी शेष 80 फीसदी में कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। जिससे वन्यजीव बेझिझक होकर विचरण कर सकेंगे।
करौली व धौलपुर में हैं नौ बाघ-बाघिन

वन अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में करौली व धौलपुर के जंगलों में कुल नौ बाघ-बाघिन है। इनमें से 4 करौली में व 5 धौलपुर में है। वहीं इसके अलावा धौलपुर में तीन शावकों का विचरण भी है। करौली व धौलपुर के जंगलों को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाने से यहां पर बाघों के संरक्षण तो होगा हीए साथ ही यहां के जंगलों में पाए जाने वाले चौसिंगा, पैंगोलिन व कैराकल कैट जैसी दुर्लभ प्रजातियों का भी संरक्षण हो सकेगा। इससे राजस्थान में वाइल्ड लाइफ ट्यूरिज्म को फायदा पहुंचेगा।
टाइगर फाउण्डेशन व एडवाइजरी कमेटी का गठन होगा शेष

टाइगर रिजर्व के घोषणा के बाद टाइगर फाउण्डेशन बनेगा। इसके लिए बाद स्थानीय एडवाइजरी कमेटी का गठन होगा। अभी कोर एरिया का निर्णय होना शेष है। इसको लेकर प्रस्ताव नेशनल टाइगर कनजर्वेशन अथोरियटी को भिजवा दिया है। लेकिन टाइगर रिजर्व नोटिफिकेशन जारी होने पर इस पर निर्णय होगा। वहीं, नेशनल टाइगर कनजर्वेशन अथोरियटी के नियमों के तहत ट्यूरिज्म विकास के लिए ट्रेक निर्माण करना होगा। इसमें टाइगर रिजर्व में केवल 20 प्रतिशत क्षेत्र में ही पर्यटन गतिविधि की जा सकेगी। शेष जंगल ही रहेगा।
जनवरी से पहले नहीं घूम सकेंगे पर्यटक

अभी कई कागजी खानापूर्ति होना शेष है इसके चलते टाइगर रिजर्व शुरू होने में कुछ वक्त लग सकता है। संभावना है कि पर्यटकों को प्रदेश के पांचवे टाइगर रिजर्व पार्क में भ्रमण और टाइगरों को करीब से निहारने के लिए अगले साल जनवरी तक इंतजार करना होगा। उसके बाद ही पर्यटन गतिविधि शुरू हो पाएगी।
सफारी जीप व केन्ट्रा के लिए लिए जाएंगे आवेदन

अधिकारियों ने बताया कि टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद अभयारण्य में पर्यटकों को भ्रमण कराने के लिए जीप व केन्ट्रा गाड़ी के संचालन के लिए निविदा जारी होगी। वहीं, इसी के साथ टिकट प्रक्रिया शुरू होगी।
टाइगर रिवर्ज नोटिफिकेशन की रखी थी शर्त

बताया जा रहा है कि पंाचवे अभयारण्य और टाइगर रिजर्व के लिए नेशनल टाइगर कनजर्वेशन अथोरियटी ने राज्य सरकार के समक्ष शर्त रखी थी कि पहले अभयारण्य और टाइगर रिजर्व पार्क के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी करें। साथ कोर एरिया का निर्णय हो, जिससे पर्यटन गतिविधि के लिए ट्रेक का निर्माण हो सके। इसके बाद पर्यटन गतिविधि शुरू होगी और मदद दी जाएगी।
– धौलपुर-करौली अभी अभयारण्य घोषित है। राज्य सरकार को टाइगर रिजर्व के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी करना है। जिसके बाद आगे की गतिविधियां शुरू होगी। टाइगर सफारी में अभी थोड़ा वक्त लग सकता है। सही समय पर कार्य हो पाया तो दिसम्बर या जनवरी में सफारी शुरू हो जाएगी।
– अनिल यादव, उपवन संरक्षक, राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य, धौलपुर

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