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धौलपुर

खेतों को रासायनिक दुष्प्रभाव से बचाने वर्मीकम्पोस्ट को बढ़ावा

-सरकार ने प्रारंभ की गोवर्धन जैविक ऊर्वरक योजना

-किसानों को वर्मीकम्पोस्ट इकाई लगाने दिया जाएगा 10 हजार का अनुदान

-धौलपुर में 50 तो जिले मेें 300 इकाई लगाने का लक्ष्य

धौलपुरSep 25, 2024 / 07:34 pm

Naresh

खेतों को रासायनिक दुष्प्रभाव से बचाने वर्मीकम्पोस्ट को बढ़ावा Promoting vermicompost to save farms from chemical side effects
-सरकार ने प्रारंभ की गोवर्धन जैविक ऊर्वरक योजना

-किसानों को वर्मीकम्पोस्ट इकाई लगाने दिया जाएगा 10 हजार का अनुदान

-धौलपुर में 50 तो जिले मेें 300 इकाई लगाने का लक्ष्य

धौलपुर. रासायनिक खेती के दुष्प्रभाव से पर्यावरण, मृदा और मानव स्वास्थ्य को नुकसान हो रहा है। जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने इन दुष्प्रभावों को कम करने के लिए एवं किसानों को जैविक खेती की तरफ बढ़ावा देने के लिए गोवर्धन जैविक ऊर्वरक योजना प्रारंभ की है। जिसमेंं गोवंशधारी किसानों को गोवर्धन जैविक ऊर्वरक योजना के तहत जैविक खाद का उपयोग और निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जिसके लिए सरकार किसान को इकाई का निर्माण करने के लिए 50 प्रतिशत या 10,000 रुपए का अनुदान देगी।
वर्तमान समय में रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से न केवल फसलों की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है, बल्कि मृदा की उर्वरा शक्ति भी घट रही है। इसके अलावा रासायनों के उपयोग से पर्यावरण पर भी गंभीर दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। इन समस्याओं के समाधान के रूप में राजस्थान सरकार ने गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना की शुरुआत की है। जिसमें किसानों को उनके गोवंश के माध्यम से जैविक खाद उत्पादन को प्रेरित किया जाएगा। गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना का उद्देश्य न केवल जैविक खाद उत्पादन को बढ़ावा देना है, बल्कि इससे पर्यावरण पर पड़ रहे रासायनिक दुष्प्रभाव को भी कम करना है। जैविक खाद का उपयोग करने से मृदा की संरचना और उर्वरा शक्ति में सुधार होता है। जिससे फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि होती है। इसके अलावा जैविक खेती टिकाऊ होती है और इससे किसानों को लंबे समय तक लाभ मिलता है।
रासायनिक ऊर्वरकों से बंजर होती धरती

रासायनिक उर्वरकों के लगातार उपयोग से मृदा की उर्वरा शक्ति घटती जा रही है, और धरती बंजर हो रही है। लेकिन जैविक खाद मृदा के लिए प्राकृतिक पोषण का काम करती है। वर्मी कम्पोस्ट जैसे जैविक खाद से न केवल फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि मृदा का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। इससे किसानों की भूमि की उत्पादकता बढ़ती है और लंबे समय तक टिकाऊ रहती है।
किसानों के लिए एक लाभदायक योजना

गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना से किसानों को जैविक खाद उत्पादन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। जिससे वे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम कर सकेंगे। यह योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। जो न केवल उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी।
वर्मीकम्पोस्ट इकाई के लिए शर्तें

-किसान के पास कम से कम 5 गौवंश होने चाहिए।

-किसान के पास जमीन का स्वामित्व होना जरूरी है।

-पर्याप्त पशुधन, पानी और कार्बनिक पदार्थ की उपलब्धता होनी चाहिए।
-केवल ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे।

-योजना के तहत चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा

-यानी आवेदन करने वाले पहले किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।

– राज्य सरकार ने जैविक उर्वरकों से होने वाले प्रभाव को कम करने के लिए गोवर्धन जैविक ऊर्वरक योजना प्रारंभ की है।जिसके तहत वर्मी कम्पोस्ट खाद को बढ़ावा दिया जाएगा। जिले की 6 ब्लॉकों में 300 इकाई खोलने का लक्ष्य रखा गया है। यानी प्रत्येक ब्लॉक में 50 इकाई खोली जाएंगी। किसान इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
बबलू कुमार त्यागी, कृषि विस्तार अधिकारी

धौलपुरकिस ब्लॉक में कितना लक्ष्य

ब्लॉक सा. अजा अजजा. योगधौलपुर 38 12 0 50राजाखेड़ा 38 12 0 50सैपऊ 37 13 0 50बाड़ी 37 08 05 50बसेड़ी 37 08 05 50सरमथुरा 37 08 05 50

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