धौलपुर. शहर के मध्य से गुजर रहा नेशनल हाइवे जिसे ज्यादातर लोग एनएच3, जीटी रोड या आगरा-मुुंबई के नाम से जानते हैं, दरअसल वह नेशनल हाइवे संख्या 44 बन चुका है। यह बात अलग है कि अधिकतर लोग इस बात से अनजान हैं। सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश के सात नेशनल हाइवे को मिला कर नेशनल हाइवे 44 बना दिया है। यह हाइवे देश के उत्तरी और दक्षिणी कोनों को जोड़ता है। जम्मू कश्मीर में श्रीनगर से शुरू होने वाला यह हाइवे, सुदूर दक्षिण में तमिलनाडु के कन्याकुमारी तक जाता है। कन्याकुमारी मुख्यभूमि से जुड़ा देश का अंतिम दक्षिणी छोर है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग देश में करीब 3718 किलोमीटर का सफर तय करता है।
इन राजमार्गों को मिला बनाया देश के सात प्रमुख हाइवे को मिला कर एक नया नेशनल हाइवे 44 बनाया गया है। इसके लिए एनएच1ए, एनएच1, एनएच2, एनएच3, एनएच75, एनएच26 एवं एनएच 7 को मिलाया गया है।
13 राज्यों से होकर गुजर रहा एनएच44 देश के तेरह राज्यों से होकर गुजर रहा है। इनमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल हैं।
तमिलनाडु में 627 तो राजस्थान में सिर्फ 28 किमी देश के तेरह राज्यों से गुजर रहा एनएच44 सर्वाधिक तमिलनाडु में 627.18 किलोमीटर है। मध्यप्रदेश में 571.90, जम्मू-कश्मीर में 541, तेलंगाना में 492.85, पंजाब में 279.42, उत्तरप्रदेश में 269.10, महाराष्ट्र में 268.36, आंध्र प्रदेश में 260.99, हरियाणा में 267.80, कर्नाटक में 94.67, राजस्थान में 28.29, दिल्ली में 15 और हिमाचल प्रदेश में कुल 11.08 किलोमीटर में है।
यह पड़ते हैं मुख्य शहर एनएच44 पर श्रीनगर, पठानकोट, जालंधर, लुधियाना, अंबाला, करनाल, पानीपत, दिल्ली, फरीदाबाद, मथुरा, आगरा, धौलपुर, ग्वालियर, झांसी, सागर, नागपुर, हैदराबाद, कुरनूल, बेंगलूरु, सेलम और कन्याकुमारी समेत देश के अनेक महत्वपूर्ण शहर पड़ते हैं।