धौलपुर. मौनी अमावस्या 1 फरवरी दिन मंगलवार को है। इस दिन पितृ पूजन का खास महत्व माना गया है। मौनी अमावस्या पर मौन रहकर पितृ दोष से मुक्ति के लिए खास उपाय किए जाते हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक जिन लोगों पर पितृ दोष होता है, उनके शुभ कार्यों में बाधाएं आने लगती हैं। परिवार में सुख, शांति का अभाव रहता है। वंश वृद्धि में समस्याएं आती हैं। इस दिन कुछ खास उपायों से पितृदोष शांत किया जा सकता है. ऐसे करें पितृ पूजनपितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें। पितृ दोष निवारण के लिए लोटे में जल लें और इसमें लाल फूल और सा काले तिल डालें। इसके बाद अपने पितरों की शांति की प्रार्थना करते हुए सूर्य देव को ये जल अर्पित करें। पीपल के पेड़ पर सफेद रंग की कोई मिठाई चढ़ाएं और उस पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें। मौनी अमावस्या के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कंबल और वस्त्र जैसी चीजें जरूर दान करें।वास्तु के अनुसार ऐसे करें पितृ दोष निवारणवास्तुविदों के अनुसार पितृ दोष निवारण के लिए वास्तु के अनुसार भी कुछ खास उपाय किए जा सकते हैं। इस दिन घर की दक्षिण दिशा की तरफ सफेद कपड़े पर थोड़े से तिल रख लें। उसके ऊपर पीतल या तांबे का एक पितृ यंत्र स्थापित करें। इसके बाईं तरफ पितरों के लिए तिल के तेल का दीपक जला लें। जल से भरा एक स्टील का लोटा केंद्र में रखें। इसके ऊपर स्टील की प्लेट और उस पर तिल लगी रोटी रखें। अब इसके ऊपर तुलसी का पत्ता रखें। एक सफेद फूल चढ़ाएं और चंदन से तिलक करें। इस रोटी के चार भाग कर एक टुकड़ा कुत्ते को खिलाएं, दूसरा टुकड़ा गाय को खिलाएं, तीसरा टुकड़ा कोवै को खिलाएं और चौथा टुकड़ा पीपल के पेड़ के नीचे रखें। ध्यान रखें कि ये सारा काम आपको मौन रह कर ही करना है।