करीब दो साल से भर रहा पानी बता दें कि आगरा-ग्वालियर लाइन पर तीसरी लाइन बिछने के दौरान रेलवे ने यहां पुरानी पुलियाओं को बंद कर दिया था। जिसके बाद नई पुलिया का निर्माण किया गया है। ये पुलिया हाल में बनकर तैयार हुई है। करीब दो साल से जल निकासी नहीं होने से शहर के बड़े नालों से आ रहा गंदा पानी यहां खलती में जमा हो रहा था। बरसात के दौरान तो हालात और चिंताजनक हो गए। पानी नहीं निकलने से दमापुर, बाग भवा साहब वाडा और गडरपुरा की तरफ पानी भर गया। जिससे स्थानीय लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
समस्या सुने बिना ही लौटाया मोहल्ले में पीछे की तरफ भारी पानी भरने से स्थानीय लोग गत दिनों मौके पर पहुंचे और विरोध जताया। जिस पर रेलवे प्रशासन ने बिना उनकी बात सुने ही लौटा दिया। स्थानीय निवासी अरविंद यादव ने बताया कि गंदा पानी नाले में नहीं जा रहा है। ये पानी वापस पीछे लौट रहा है जो दमापुर की तरफ आ रहा है। इससे लोगों के घर इसकी चपेट में आ रहे हैं। वहीं, प्रीतम सिंह ने बताया कि नाले में सफाई नहीं की है। मिट्टी नहीं हटाने से पानी आगे नहीं बढ़ रहा है। जल्दबाजी में नाले खोल कर खानापूर्ति कर दी गई है। लोगों ने कहा कि इस पर ध्यान नहीं दिया तो गंदे पानी में घर डुबने की नौबत आ जाएगी।
चिकित्सक पर मरीज की जांच नहीं करने का आरोप धौलपुर. जिला अस्पताल में गंभीर बीमारी से जूझ एक मरीज की सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। उधर, मामले में मृतक के परिजनों ने ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक पर मरीज की जांच नहीं करने का आरोप लगाया। वहीं, अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को बेबुनियाद बताते कहा कि मरीज गंभीर बीमारी से पीडि़त था और लास्ट स्टेज पर था।
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में गांव अल्हेपुरा निवासी कालीचरण भर्ती था। सोमववार शाम उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिस पर परिजनों ने कम्पाउडर को सूचना दी और चिकित्सक को कॉल करके बुलाने के लिए कहा। आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक नहीं पहुंचे। आरोप है कि चिकित्सक के बाद जाकर उन्हें मरीज की जांच करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने कहा कि वह देख चुके हैं, अब नहीं जाएंगे। बताया जा रहा है कि मरीज की बात में मौत हो गई। उधर, घटनाक्रम को लेकर पीएमओ डॉ.विजय सिंह ने बताया कि मरीज कैंसर से पीडि़त था और लास्ट स्टेज पर था। पहले उसका इलाज जयपुर में चल रहा था, जहां से उसे घर ले जाने के लिए कह दिया था। परिजनों ने यहां पर भर्ती कर दिया। उन्होंने बताया कि चिकित्सक दो दफा मरीज को देख कर आया था। मरीज की मौत इलाज के दौरान हुई है और मरीज को नहीं देखने की बात बेबुनियाद है। मरीज की हालत के चलते चिकित्सक ने भी पहले घर ले जाकर सेवा करने की बात कही थी।