पुलिस के मुताबिक संत नगर सड़क मार्ग पर मकान की तीसरी मंजिल पर करीब 20 मजदूर आरसीसी डालने का काम कर रहे थे। तभी रात करीब 12 बजे अचानक मकान की छत भरभरा कर ढह गई। जिसमें एक दर्जन मजदूर दब गए। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद घायलों को मलबे से बाहर निकाला। हादसे में दो मजदूरों की मौत हो चुकी है और आधा दर्जन घायलों का जिला अस्पताल में उपचार जारी है। वहीं, पुलिस ने दोनों शवों को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया दिया है।
आधी रात मची चीख पुकार
आधी रात को काम करते समय मकान की छत भरभरा कर ढह जाने से मौके पर चीख पुकार मच गई। ऐसे में लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। मलबे के अंदर फंसे मजदूरों का रेस्क्यू किया और घायल मजदूरों को अस्पताल भेजा। लोगों ने पुलिस एवं प्रशासन के मदद से करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद मलबे से मजदूरों को निकाला। इनकी हुई मौत, ये घायल
हादसे में लखन(35) और भोला(32) की मौत हो गई। इनके शवों को मोर्चरी में रखवा गया और परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया जाएगा। हादसे में कृपाल पुत्र रामजीलाल और बृजमोहन पुत्र कन्हैया लाल कोली सहित आधा दर्जन मजदूर घायल हो गए। घायलों को बाड़ी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
लापरवाही के कारण हुआ हादसा
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हादसा लापरवाही के कारण हुआ है। यहां पर मजदूर हेलमेट और बेल्टों का प्रयोग नहीं कर रहे थे और न ही ठेकेदार द्वारा मजदूरों को सुरक्षा के पर्याप्त उपकरण दिए गए थे। उपखंड अधिकारी राधेश्याम मीणा ने बताया निर्माणाधीन मकान की छत ढहने से हादसा हुआ है। हादसे के कारणों की पुलिस एवं प्रशासन द्वारा जांच की जा रही है।