धौलपुर. जिले में बिजली चोरी को लेकर डिस्कोम के किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। हालांकि पिछले पांच सालों के आंकड़ों को देखें तो छीजत के मामलों में थोड़ी कमी जरूर आई है, लेकिन अभी भी 28 से 30 प्रतिशत बिजली चोरी हो रही है। बीते पांच सालों में धौलपुर जिला में छीजत करने वालों ने 1 अरब 60 करोड़ 12 लाख यूनिट बिजली चोरी की। यानी इन बीते पांच सालों में डिस्कोम को 11 अरब 20 करोड़ 84 लाख रुपए का फटका लग चुका है।
बिजली चोरी के मामले में धौलपुर जिला प्रदेश में अव्वल माना जाता है। यहां शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर बिजली चोरी की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के मुकाबले शहरी क्षेत्र की हालत ज्यादा खराब है। जहां पिछले पांच सालों में जमकर बिजली चोरी हुई। सबसे पहले बात करते २०२० की जिसमें धौलपुर सर्किल में 1 अरब 23 करोड़ 20 लाख रुपए की 17 करोड़ 60 लाख यूनिट बिजली चोरी हुई। तो बाड़ी सर्किल में १ अरब 31 करोड़ 8 लाख रुपए कीमती 14 करोड़ 74 लाख यूनिट बिजली छीजत की गई । यानी २०२० में धौलपुर और बाड़ी सर्किल में चोरों ने 2 अरब 26 करोड़ 38 लाख रुपए की ३२ करोड़ 34 लाख यूनिट पर डांका डाला। 2021 में चोरी का यह आंकड़ा और बढ़ गया। जहां धौलपुर और बाड़ी सर्किल में 2 अरब 33 करोड़ 73 लाख रुपए की बिजली छीजत की गई। हालांकि २०२२ में बिजली चोरी का आंकड़ा जरूर गिरा। तब 2 अरब 21 करोड़ 27 लाख रुपए की 31 करोड़ 61 लाख यूनिट बिजली चोरी हुई। २०२३ में धौलपुर और बाड़ी सर्किल में 2 अरब 26 करोड़ 10 लाख रुपए की 32 करोड़ 30 लाख यूनिट छीजत हुई। 2024 में जरूर बिजली चोरी का प्रतिशत ३० से गिरकर 28 पर आ गया। बीते वर्ष धौलपुर सर्किल में 15 करोड़ 97 लाख यूनिट और बाड़ी सर्किल में 15 करोड़ 51 लाख यूनिट के हिसाब से 2 अरब 13 करोड़ 36 लाख रुपए की बिजली पर चोरों ने डांका डाला। इन बीते पांच सालों के दौरान 1 अरब 60 करोड़ 12 लाख यूनिट बिजली चोरी की। यानी इन बीते पांच सालों में डिस्कोम को 11 अरब 20 करोड़ 84 लाख रुपए का नुकसान वहन करना पड़ा है। जो कि एक भारी भरकम आंकड़ा है।
पांच सालों में बिजली छीजत के आंकड़ों में कमी बिजली छीजत के पिछले पांच सालों के आंकड़े बता रहे हैं कि बिजली चोरी के मामले में साल दर साल कमी जरूर आई है। जिसमें डिस्कोम का कार्य भी दिख रहा है। हालांकि अभी भी बिजली चोरी जिले में बनी हुई है। पांच सालों में जिले में प्रतिशत के हिसाब से बिजली छीजत देखें तो 202० में धौलपुर सर्किल में 38.7 प्रतिशत तो बाड़ी सर्किल में ४१.९५ प्रतिशत बिजजी चोरी हुई। तो २०२१ के दौरान धौलपुर में ३८.३७ और बाड़ी में ३९.८४ प्रतिशत का आंकड़ा रहा। २०२२ में यह आंकड़ा गिरकर धौलपुर सर्किल में ३२.४८ प्रतिशत पर आ गया तो वहीं बाड़ी में ३७.२९ प्रतिशत बिजली चोरी रह गया। २०२३ में धौलपुर सर्किल में ३०.२५ प्रतिशत तो वहीं बाड़ी सर्किल में ३५.३१ प्रतिशत छीजत दर्ज की गई। 2024 में छीजत का आंकड़ा और गिर गया। यहां धौलपुर सर्किल में २८.०१ प्रतिशत और बाड़ी में २९.८७ प्रतिशत पर आकर रह गया।
बिजली बिल जमा राशि 100 प्रतिशत के करीब उपभोक्ताओं पर डिस्कोम की कड़ाई का असर दिख रहा है। जहां पिछले पांच सालों में बिजली छीजत के मामलों में कमी आई है। वहीं पिछले पांच सालों में उपभोक्ताओं से बिजली बिल जमा राशि भी 100 प्रतिशत के करीब पहुंचने वाली है। जो २०२१ में धौलपुर और बाड़ी सर्किल को मिलाकर ८६.७३ प्रतिशत था। हालांकि अब धौलपुर और बाड़ी सर्किल में उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर तक लगाए जा चुके हैं। जिसके फलस्वरूप २०२४ में बिजली बिल जमा होने का प्रतिशत १०० के पास पहुंच गया है। पिछले वर्ष धौलपुर सर्किल के शहरी क्षेत्र, ग्रामीण और राजखेड़ा में यह आंकड़ा १०० प्रतिशत रहा। यानी धौलपुर सर्किल में १००.७६ प्रतिशत विद्युत बिल की रकम जमा की गई। तो वहीं बाड़ी सर्किल में यह आंकड़ा ९८.३२ प्रतिशत पर पहुंच गया है। बाड़ी सर्किल में सैंपऊ और सरमथुरा में बिल कलेक्शन १०० प्रतिशत हो चुका है।
बिजली चोरी रोकने को लेकर विभाग ने कई कदम उठाए हैं। पिछले कुछ समय से बिजली चोरी के आंकड़े भी कम हुए हैं। किसी काम को धीरे-धीरे ही नियंत्रित किया जाता है। -मुकेश गुप्ता, एक्सईएन बिजली विभाग