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धौलपुर

घायल मगरमच्छ को लेने से मना करने पर विवाद

– रेस्क्यू टीम और घडिय़ाल सेंचुरी कार्मिकों में क्षेत्राधिकार को लेकर हुई बहस

– शहर में आशियाना कॉलोनी के पीछे रेलवे ट्रेक के पास मिला था मगरमच्छ

धौलपुरAug 30, 2024 / 11:26 am

Naresh

घायल मगरमच्छ को लेने से मना करने पर विवाद Controversy over refusal to take injured crocodile
– रेस्क्यू टीम और घडिय़ाल सेंचुरी कार्मिकों में क्षेत्राधिकार को लेकर हुई बहस

– शहर में आशियाना कॉलोनी के पीछे रेलवे ट्रेक के पास मिला था मगरमच्छ

धौलपुर. शहर में जेल फाटक स्थित आशियाना कॉलोनी के पीछे गुरुवार सुबह एक मगरमच्छ ट्रेन की चपेट में आने गंभीर रूप से घायल हो गया। मगरमच्छ घायलावस्था में यहां रेलवे लाइन के पास पड़ा था, जिसे सूचना पर वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया और राजकीय बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सालय ले गए, जहां उपचार कराया। मगरमच्छ को बाद में टीम सागरपाड़ा स्थित राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल सेंचुरी कार्यालय छोडऩे गई तो यहां उसे लेने से इनकार कर दिया। जिस पर काफी बहस हुई। कई घंटों के बाद घडिय़ाल सेंचुरी कार्यालय ने घायल मगरमच्छ को अपने सुपुर्द लिया।यहां आशियाना कॉलोनी के पीछे रेलवे लाइन के पास सुबह एक घायल मगरमच्छ की सूचना पर वन विभाग से रेस्क्यू टीम प्रभारी राधा कृष्ण शर्मा पहुंचे और घायल मगरमच्छ को इलाज कराने पुरानी सब्जी मण्डी स्थित पशु चिकित्सालय ले गए। जहां पर उपचार कराने के बाद उसे सागरपाडा पर हाइवे स्थित राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल सेंचुरी कार्यालय छोडऩे गए तो यहां पर विवाद हो गया। मौके पर मौजूद स्टाफ ने घायल मगरमच्छ को लेने से इनकार कर दिया, जिस पर दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई। यहां मौजूद रेंजर दीपक मीना ने भी चंबल से एक किलोमीटर का एरिया बताते हुए सुपुर्दगी में लेने से मना कर दिया। जबकि टीम प्रभारी का कहना था कि जहां से रेस्क्यू किया, वहां से चंबल की करीब 600 मीटर दूरी है। मामला बाद में उच्चाधिकारियों तक पहुंचने पर सेंचुरी डीएफओ के दखल के बाद मगरमच्छ को कार्यालय पर छोड़ा गया।
सेंचुरी कार्यालय पर आपत्ति स्थिति में मिला कार्मिक

रेस्क्यू टीम यहां सेंचुरी कार्यालय पर मगरमच्छ को छोडऩे पहुंची तो आरोप है कि टीम के साथ गलत व्यवहार किया गया। वहीं, कार्यालय में एक कार्मिक आपत्तिजनक स्थिति में मिला। उक्त कार्मिक को लेकर सेंचुरी अधिकारी ने जांच करवाने की बात कही।
जबड़े पहुंची चोट, पूंछ काटनी पड़ी

बहु उद्देशीयपशु चिकित्सालय के उपनिदेशक डॉ राम अवतार सिंघल ने बताया कि वन कर्मी सुबह घायल मगरमच्छ को पशु चिकित्सालय लेकर आए थे। मगरमच्छ के जबड़े के ऊपर के हिस्से में गंभीर चोट थी तथा पूंछ क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिस पर पूंछ को हटाकर टांके लगाए गए हैं। उपनिदेशक ने बताया कि यह मगरमच्छ अगले 5 से 7 दिन तक चिकित्सकीय देखरेख में रहेगा।
– घायल मगरमच्छ को इलाज कराने के बाद उसे घडिय़ाल सेंचुरी कार्यालय छोडऩे गए थे, जिस पर उसे लेने से मना कर दिया। यहां रेंजर भी मौजूद थे, उन्होंने उनका क्षेत्राधिकार होने से इनकार कर दिया। जबकि मगरमच्छ जहां मिला वहां से चंबल मात्र 600 मीटर की दूरी पर है।
– राधाकृष्ण शर्मा, रेस्क्यू टीम प्रभारी

– मगरमच्छ हमारे इलाके से रेस्क्यू नहीं किया गया। सेंचुरी का दायर चंबल से एक किलोमीटर लगता है। सुबह सूचना मिली थी, जिस पर सहयोग के लिए कहा था। टीम मगरमच्छ को कार्यालय पर छोड़ रही थी, जिस पर मना कर दिया। हालांकि, अभी वार्ता चल रही है।
– दीपक मीणा, क्षेत्रीय वन अधिकारी, चंबल घडिय़ाल सेंचुरी

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