धौलपुर. शरद महोत्सव मेला ठेकेदार पर अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए मेला दुकानदार लामबंद होकर कलक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि मेला में दुकान लगाने की राशि शुल्क देने के बाद भी अब ठेकेदार उनसे 3000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से अवैध वसूली कर रहा है। जब दुकानदार यह राशि देने में असमर्थता जताता है तो ठेकेदार के आदमी दुकानदारों से दुव्र्यवहार और जबरदस्ती करने पर उतारू हो जाते हैं। जिससे दुकानदारों में डर बना हुआ है।घाटे में चल रही नगर परिषद ने इस बार शरद मेला को 83 लाख में ठेका पर दिया था। जिसके बाद ठेकेदार ने अपने हिसाब से दुकानों का आवंटन किया था। जैसी जगह और दुकान उससे वैसे ही रुपए वसूले गए थे। इन दुकानों में 10 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक की दुकानें हैं। इस राशि में दुकान का किराया से लेकर बिजली शुल्क भी समाहित है। लेकिन मेला के अंतिम दौर में अब ठेकेदार और उसके आदमी छोटे और बड़े दुकानदारों से तय राशि के अलावा 3000 रुपए प्रतिदिन के रूप में अगाही कर रहे हैं। दुकानदारों ने आरोप लगाया कि जब कोई दुकानदार रुपए देने में असमर्थता जताता है या थोड़ा समय भी मांगता है तो ठेकेदार के आदमी उनसे झगड़ा कर जबरन रुपए छीनने लगते हैं। कई दुकानदारों ने बताया कि ठेकेदार के आदमी जबरन लाइट के भी 300 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पर्ची काट रहे हैं। जबकि वह एक मुश्त राशि जमा करा चुके हैं। रुपए नहीं देने पर वह दुकानदारों को अगवा कर मारपीट करने तक की धमकी दे रहे हैं।
दुकानदारों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस अवैध वसूली का विरोध किया तो ठेकेदार के आदमियों ने उन्हेें गाली गलौच करते हुए नगर परिषद को ठेके के 83 लाख रुपए के अलावा 30 लाख रुपए अतिरिक्त देने की बात कही। और कहा कि अतिरिक्त रुपए देने के कारण सभी दुकानदारों को भी अतिरिक्त रुपए देने होंगे। जब दुकानदारों ने इस बावत नगर परिषद के अधिकारियों से जानना चाहा तो उन्हें अतिरिक्त 30 लाख रुपए की बात को नकार दिया।
दुकानदारों ने बताया कि मेला में छोटे-छोटे दुकानदारों से लेकर ठेला लगाने वाले भी शामिल हैं। जिनके पास बमुश्किल से 5 हजार रुपए तक का भी सामान नहीं है। मेला में ठेलेवालों से पहले 300 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पर्ची काटी जाती थी, लेकिन अब ठेकेदार और उसके आदमी ठेलेवालों से 500 रुपए प्रतिदिन की पर्ची काट रहे हैं। और ना देने पर डरा धमकाया जा रहा है।
ठेकेदार ने नहीं उठाया फोन जब इस मामले में शरद मेला ठेकेदार से पत्रिका ने बात कर मामले की जानकारी लेनी चाही तो उसने फोन नहीं उठाया। ठेकेदार के मेला दुकानदारों से अतिरिक्त 3000 रुपए प्रतिदिन लेने का मामला मेरी जानकारी में नहीं है। मैं जल्द ही इस मामले को दिखवाता हूं। साथ ही नगर परिषद को 30 लाख रुपए अतिरिक्त देने की बात भी निराधार है।
-अशोक शर्मा, नगर परिषद आयुक्त —–दुकान लगाने के एवज में हमने एकमुश्त राशि ठेकेदार को पहले ही दे चुके हैं। लेकिन अब वह हमसे 3000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से और रुपए ले रहा है। ना देने पर उसके साथी और महिला बाउंसर हमारे साथ मारपीट करते हैं।
अरुण, मेला दुकानदार रुपए देने की मना करने पर ठेकेदार के सहयोगी हमारी जेबों तक में हाथ डालकर रुपए निकाल लेते हैं। जब विरोध करते हैं तो हमें अगवा तक करने की धमकी देते हैं। अब हम छोटे दुकानदार हैं। कहां से इतने रुपए उनको दें।
बिट्टू जैन, मेला दुकानदार ठेकेदार 3000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दुकान का किराया और 300 रुपए बिजली के नाम पर उगाही कर रहा है। महिला बाउंसर दुकानदारों के साथ बदतमीजी करती हैं। समझ नहीं आ रहा कि क्या करें। शासन हमारा सहयोग करे।
देशराज, मेला दुकानदार