वट सावित्री उपाय (Vat Savitri Vrat Upay)
यह उपाय दिलाएगा शनि की कृपा
धार्मिक ग्रंथों के अनुसाक वट सावित्री व्रत और शनि जयंती के अवसर पर इस साल 2.5 किलो काले चने का दान करें। इतना संभव नहीं है तो 1.25 किलो काले चने का दान जरूर करना चाहिए। इसके अलावा वट सावित्री व्रत के दिन सूने स्थान पर या मंदिर के पास जाकर पीपल का पौधा रोपने का उपाय आजमाना चाहिए। ऐसा करने वाले मनुष्य को कर्मफलदाता शनि की कृपा प्राप्त होगी।पुरुष भी कर सकते हैं इस पेड़ की परिक्रमा
वट सावित्री के दिन ही शनि जयंती भी है। इसके चलते पुरुषों को इस दिन पीपल के पेड़ की कम से कम 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए, इससे शनि की कृपा प्राप्त होगी। वहीं महिलाएं 108 बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा करें। इसके साथ लाल कच्चा सूत लपेंटे। ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।दूध अर्पित करें
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार वट सावित्री व्रत के दिन महिलाओं को वट वृक्ष की जड़ में दुग्ध (दूध) अर्पित करना चाहिए और आशीर्वाद के रूप में वट वृक्ष के पत्ते को अपने सिर पर लगाएं। इससे सौभाग्य में वृद्धि होगीधन समृद्धि के लिए करें यह वट सावित्री उपाय
धन समृद्धि के लिए वट सावित्री व्रत के दिन किसी भूखे और गरीब व्यक्ति को भोजन कराना चाहिए। इसके लिए उसे बेल के वृक्ष के नीचे बैठाएं और खीर का भोजन कराएं। शिव पुराण में इस उपाय से धन, समृद्धि और दीर्घायु की प्राप्ति को लेकर वर्णन है।शनि दोष से मुक्ति दिलाएगा यह उपाय
वट सावित्री व्रत के दिन महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख जप और हवन कराना चाहिए। ऐसा करने वाले व्यक्ति को शनि दोष से मुक्ति मिलती हैं और उसे लंबी आयु प्राप्त होती है।सुहागिनें इस दिन न करें ये गलतियां (dont do mistake on vat savitri vrat puja)
1. वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिनों को सफेद, काले और नीले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। यह रंग शुभ कार्यों के समय वर्जित है। इसके अलावा यह नकारात्मकता का प्रतीक है। इससे इस दिन दूरी बनाकर रखना ही उचित है।
2. शादी के बाद पहली बार वट सावित्री व्रत ससुराल में नहीं रखना चाहिए। इसे मायके में रखना चाहिए, इसके लिए सुहाग की सामग्री भी मायके से ही लेना चाहिए।
3. वट सावित्री के दिन वट वृक्ष को सूत बांधा जाता है और उसकी परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा के समय दूसरों को पैर न लगे, इसका ध्यान रखना चाहिए वर्ना व्रत खंडित हो जाता है।
4. वट सावित्री व्रत के दिन गलती से भी व्रती महिलाओं को बरगद के पेड़ की टहनी नहीं तोड़नी चाहिए।
5. वट सावित्री व्रत के दिन कथा सुनना आवश्यक है, इस दिन कथा को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए और न ही कथा के बीच अपने स्थान से उठना चाहिए।
6. इस दिन न तो देर तक सोना चाहिए और न ही बुरे विचार मन में लाना चाहिए। क्रोध भी न करें।
7. घर में किसी ने वट सावित्री व्रत रखा है तो घरे के दूसरे व्यक्तियों को भी तामसिक खाद्य पदार्थों, भोजन आदि से परहेज करना चाहिए।