कब है वैशाख पूर्णिमा
पंचांग के अनुसार वैखाख पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 22 मई को शाम 6.49 बजे हो रही है और यह तिथि 23 मई को शाम 7.24 बजे संपन्न हो रही है। इसलिए उदयातिथि में वैशाख पूर्णिमा 23 मई गुरुवार को मनाई जाएगी।वैशाख पूर्णिमा का महत्व
वैशाख पूर्णिमा पर धर्मराज की पूजा करने का विधान है, इसलिए इस व्रत के प्रभाव से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के बचपन के साथी सुदामा जब द्वारिका उनके पास मिलने पहुंचे थे, तो भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें सत्य विनायक पूर्णिमा व्रत का विधान बताया। इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता दूर हुई।वैशाख पूर्णिमा व्रत पर क्या करें
मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा पर व्रत और पुण्य कर्म करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन ये धार्मिक कर्मकांड करने चाहिए-- वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
- स्नान के बाद भगवान गणेश का ध्यान कर व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु (सत्यविनायक) की पूजा करें।
- इस दिन धर्मराज के निमित्त जल से भरा कलश और पकवान देने से गोदान के समान फल मिलता है।
- 5 या 7 जरूरतमंद व्यक्तियों और ब्राह्मणों को शक्कर के साथ तिल देने से पापों का क्षय होता है।
- इस दिन तिल के तेल के दीपक जलाएं और तिलों का तर्पण विशेष रूप से करें।
- साथ ही जरूरतमंद व्यक्ति को छाता, सत्तू, पानी भरा घड़ा, ककड़ी, खीरा और कुछ धन दान करें। इस उपाय से जल्द ही आर्थिक दिक्कतें दूर हो जाती हैं.
- इस दिन व्रत के दौरान एक समय भोजन करें।