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Vaishakh Purnima: वैशाख पूर्णिमा पर क्या करें, जानें इस दिन किस पूजा से दूर हुई थी सुदामा की दरिद्रता

Vaishakh Purnima par kya karen वैशाख पूर्णिमा कब है, इसे किन नाम से जाना जाता है। क्या आपको पता है इस दिन के धार्मिक कर्मकांड, और भगवान कृष्ण ने सुदामा को दरिद्रता को दूर करने का क्या उपाय बताया था।

भोपालMay 21, 2024 / 10:30 pm

Pravin Pandey

Vaishakh Purnima par kya karen

वैशाख पूर्णिमा कब है, इसे किन नाम से जाना जाता है।

Vaishakh Purnima par kya karen पूर्णिमा पर दान पुण्य, स्नान, धर्म-कर्म पूजा पाठ का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी, सूर्य नारायण की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु के तेइसवें अवतार माने जाने वाले महात्मा बुद्ध का अवतार भी इसी दिन हुआ था। इसलिए हर महीने आने वाली पूर्णिमा में वैशाख पूर्णिमा का सबसे अधिक महत्व है। यह पूर्णिमा सत्य विनायक पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है। आइये जानते हैं वैशाख पूर्णिमा पर क्या करें और इस दिन तिल दान का क्या महत्व है।

कब है वैशाख पूर्णिमा

पंचांग के अनुसार वैखाख पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 22 मई को शाम 6.49 बजे हो रही है और यह तिथि 23 मई को शाम 7.24 बजे संपन्न हो रही है। इसलिए उदयातिथि में वैशाख पूर्णिमा 23 मई गुरुवार को मनाई जाएगी।

वैशाख पूर्णिमा का महत्व

वैशाख पूर्णिमा पर धर्मराज की पूजा करने का विधान है, इसलिए इस व्रत के प्रभाव से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के बचपन के साथी सुदामा जब द्वारिका उनके पास मिलने पहुंचे थे, तो भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें सत्य विनायक पूर्णिमा व्रत का विधान बताया। इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता दूर हुई।

वैशाख पूर्णिमा व्रत पर क्या करें

मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा पर व्रत और पुण्य कर्म करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन ये धार्मिक कर्मकांड करने चाहिए-

  1. वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
  2. स्नान के बाद भगवान गणेश का ध्यान कर व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु (सत्यविनायक) की पूजा करें।
  3. इस दिन धर्मराज के निमित्त जल से भरा कलश और पकवान देने से गोदान के समान फल मिलता है।
  4. 5 या 7 जरूरतमंद व्यक्तियों और ब्राह्मणों को शक्कर के साथ तिल देने से पापों का क्षय होता है।
  5. इस दिन तिल के तेल के दीपक जलाएं और तिलों का तर्पण विशेष रूप से करें।
  6. साथ ही जरूरतमंद व्यक्ति को छाता, सत्तू, पानी भरा घड़ा, ककड़ी, खीरा और कुछ धन दान करें। इस उपाय से जल्द ही आर्थिक दिक्कतें दूर हो जाती हैं.
  7. इस दिन व्रत के दौरान एक समय भोजन करें।

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