1- सावन के पावन माह में शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठित कर स्थापित करने से व्यापार में वृद्धि और नौकरी में तरक्की मिलती हैं ।
2- सावन मास में सोमवार को दिन स्फटिक के शिवलिंग को शुद्ध गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करन धूप-दीप जलाकर शिव मंत्रों का जप करने से समस्त बाधाओं का नाश होता है ।
3- सावन मास की पूजा से भोलेनाथ शिवशंकर और माता पार्वती दोनों ही शुभ आशीर्वाद प्रदान करते हैं ।
4- शिव जी का पूरा परिवार, गण और अवतार इस मास में प्रसन्न मुद्रा में वरदान देते हैं इसलिए सावन मास का पूरा लाभ हर किसी को उठाना चाहिए ।
5- बीमारी से परेशान होने पर और प्राणों की रक्षा के लिए इस सावन में महामृत्युंजय मंत्र का जप रुद्राक्ष की माला से ही करें । इस मंत्र दिखने के प्रभाव में अत्यंत चमत्कारी हैं ।
मंत्र इस प्रकार है-
महामृत्युंजय मंत्र
।। ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ ।।
शिवजी के अन्य रामबाण मंत्र
।। ॐ नमः शिवाय ।।
।। ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ॐ ।।
6- महिलाएं सुख-सौभाग्य के लिए भगवान शिव की पूजा करके गाय के दुग्ध की धारा से अभिषेक करते हुए इस मंत्र का उच्चारण करें ।
मंत्र- ।। ॐ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ॐ ।।
7- लक्ष्मी अपने श्री स्वरूप में अखंड रूप से केवल भगवान शिव की कृपा से ही जीवन में प्रकट हो सकती हैं । अखंड लक्ष्मी प्राप्ति हेतु इस मंत्र को प्रतिदिन 1100 बार चंदन, स्फटिक या रूद्राक्ष की माल से जप करें ।
मंत्र- ।। ॐ श्रीं ऐं ॐ ।।
8- जिनके विवाह में देरी हो रही हो वे शीघ्र विवाह के लिए इस मंत्र का जप करने साथ भगवान शिव एवं माता पार्वती दोनों की ही पूजा करें ।
मंत्र – ॐ हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया ।
तथा मां कुरु कल्याणी कान्तकांता सुदुर्लभाम ।।
9- पूरे घर परिवार के सुख-सौभाग्य की कामना से इस मंत्र का जप 108 बार प्रतिदिन करें ।
मंत्र- ।। ॐ साम्ब सदा शिवाय नम: ।।