scriptShiv Ji Ki Aarti: शिव जी की आरती, ओम जय शिव ओंकारा | Shiv Ji Ki Aarti Sawan Aarti Lord Shiva Aarti Om Jai Shiv Omkara | Patrika News
धर्म-कर्म

Shiv Ji Ki Aarti: शिव जी की आरती, ओम जय शिव ओंकारा

Shiv Ji Ki Aarti: हिंदू धर्म में भगवान शिव अत्यंत कल्याणकारी और शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता माने जाते हैं। मान्यता है कि शिवजी की कृपा से धरती पर तो मनुष्य को सभी प्रकार के सुख मिलते ही हैं। मृत्यु के बाद शिवलोक यानी मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष दिन सोमवार, त्रयोदशी चतुर्दशी और सावन महीना है। लेकिन भगवान शिव की पूजा शिव आरती के बिना पूरी नहीं होती तो आइये यहां पढ़ें प्रसिद्ध शिवजी की आरती, ओम जय शिव ओंकारा (Om Jai Shiv Omkara) ..

भोपालJul 01, 2024 / 09:20 pm

Pravin Pandey

Shiv Ji Ki Aarti

शिव जी की आरती

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।


एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसानन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।


दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।

अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी।।
ओम जय शिव ओंकारा।।


श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।


ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।

लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।


पर्वत सोहें पार्वतू, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।


जया में गंग बहत है, गल मुण्ड माला।
शेषनाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला।।
ओम जय शिव ओंकारा।।

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी।।
ओम जय शिव ओंकारा।।


त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावे।।
ओम जय शिव ओंकारा।। ओम जय शिव ओंकारा।।

Hindi News/ Astrology and Spirituality / Dharma Karma / Shiv Ji Ki Aarti: शिव जी की आरती, ओम जय शिव ओंकारा

ट्रेंडिंग वीडियो