शोध इसलिए खास
- दिल-दिमाग में खून का थक्का जमने से समय पर इलाज नहीं मिला तो मरीजों की मौत हो सकती है।
- आयुर्वेद साहित्य में कुटकी का वर्णन रक्तविकार, यकृत रोग में मिलता है। इसलिए एंटी थ्रेक्बोटिक शोध के लिए इसका चयन किया गया।
Bhopal News: पं. खुशीलाल आयुर्वेद संस्थान के शोध कटुकी अंग्रेजी दवा एस्पिरिन की तरह ही प्रभावी रही।
भोपाल•Jul 06, 2024 / 04:30 pm•
Sanjana Kumar
Hindi News / Bhopal / Bhopal News: दिल-दिमाग में खून के थक्के से अब नहीं होगी मौत, आयुर्वेद में 36 चूहों पर रिसर्च सक्सेस