सूर्यास्त के समय करें शनि देव का तेल से इस विधि से अभिषेक
अक्सर देखने में आता है कि कुछ लोग शनि देव की कृपा पाने के लिए तरह तरह की पूजा-पाठ, जप-तप, उपाय एवं टोने-टोटके तो करते हैं, फिर भी शनि की ढैय्या से होने वाली परेशानियों बाहर नहीं निकल पाता। अगर शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं तो आज शनि अमावस्या के दिन यो छोटे से उपाय जरूर करें। सबसे पहले जब कुंडली में शनि की ढैय्या काल चल रहा हो तो इन बातों का ध्यान अवश्य रखें।
शनि की ढैय्या में व्यक्ति को धैर्य से काम लेना चाहिए, क्योंकि ढैय्या काल में व्यक्ति को अपने सगे संबंधियों की मदद भी कम से कम ही मिल पाती है। इसलिए व्यक्ति को परेशानी के समय स्वयं सभी कार्य करने पड़ते हैं। अपने आप को अकेला महसूस करने लगता है। अगर इस अवधि में धैर्य और हिम्मत के साथ परेशानियों का सामना जो भी कर लेता है, शनि की ढैय्या खत्म होते ही सब कुछ अपने आप ठीक होने लगता है।
शनि की ढैय्या से बचने के लिए शनि अमावस्या के अलावा भी प्रति शनिवार को अवश्य करें ये असरदार उपाय-
1- प्रति शनिवार श्री सुन्दरकाण्ड का पाठ करना चाहिए।
2- श्री हनुमान चालीसा का नित्य एवं विशेषकर प्रति शनिवार को दोनों समय पाठ करना चाहिए।
3- शनिवार को सुबह पीपल के पेड़ पर जलदान करने से शनि पीड़ा से शांति मिलती है। पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि मंत्र का 108 बार जप भी करना चाहिए।
4- शनि देव से जुड़ी वस्तुएं जैसे काली उड़द की दाल, तिल, लौह, काले कपड़े आदि का दान देना भी अपना सामर्थनुसार करना चाहिए।
5- प्रतिदिन प्रात:काल चिड़ियों को दाना डालें, उनके लिए पानी रखें। चींटियों को आटा शक्कर डालें और स्नान आदि से निवृत होकर उगते सूर्य को जल दें।
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