सावन में शिव की सरसों के तेल से अभिषेक
1- घर परिवार की सभी तरह की बाधाओं के नाश हेतु भगवान शिव का सरसों के तेल से अभिषेक करें।
2- अभिषेक से पहले भगवान शिव के ‘प्रलयंकर’ स्वरुप का मानसिक ध्यान करें।
3- अब ताम्बे के पात्र में ‘सरसों का तेल’ भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें।
4- तिलक करने के बाद- ॐ भं भैरवाय नम: का जप करते हुए पात्र पर कलावा बाधें।
5– अब शिव पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नम: शिवाय” का जप करते हुए लाल फूलों की पंखुडियां अर्पित करें।
6- अब शिवलिंग पर सरसों के तेल की पतली धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें।
7- अभिषेक करते समय “ॐ नाथ नाथाय नाथाय स्वाहा” इस मंत्र का जप करते रहे।
8– तेल से अभिषेक करने के बाद शिवलिंग को शुद्ध जल से धोकर स्वच्छ वस्त्र से अच्छी तरह से साफ करने के बाद षोडषोपचार विधि से पूजन करें।
सावन में चने की दाल से शिव का अभिषेक
1– किसी भी शुभ कार्य के आरंभ होने व कार्य में उन्नति के लिए सावन मास में भगवान शिव का चने की दाल से अभिषेक करें।
2– अभिषेक करते समय भगवान शिव के “समाधी स्थित स्वरुप” का मानसिक ध्यान करते रहे।
3– ताम्बे के पात्र में ‘चने की दाल’ भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक कर पूजन करें।
4– अब इस मंत्र “ॐ यक्षनाथाय नम:” का जप करते हुए पात्र पर कलावा बाधें।
5- शिव पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नम: शिवाय” का जप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें।
6– अब शिवलिंग पर चने की दाल की धार बनाते हुए- रुद्राभिषेक करें।
7– अभिषेक करते हुए “ॐ शं शम्भवाय नम:” मंत्र का जप करें।
8- अभिषे करने के बाद शिवलिंग को शुद्धजल से धोकर वस्त्र से अच्छी तरह से साफ करने के बाद षोडषोपचार विधि से पूजन करें।
उपरोक्त विधि से सावन के महीने में किसी भी दिन शिवजी का अभिषेक करने से मनचाही मनोकामना पूरी कर देते हैं।
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