वैसे तो देश में साईं बाबा के मंदिर अनेक है लेकिन शिरडी के मंदिर की बात ही कुछ और है। शिरडी के द्वारका माई का साईं मंदिर वह स्थान है जहां स्वयं सदगुरु साईं नाथ साक्षात निवास करते हैं। इसी स्थान पर साईं बाबा भोजन किया करते थे, यहीं पर धूनी रमाते और उसी धूनी का प्रसाद अपनी शरण में आयें हुये भक्तों को बांटते थे। आज भी जो कोई उस धूनी की भस्म को ग्रहण करता है उनके सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ जहां साईं बाबा का समाधी मंदिर है ये दोनों जगह आसपास है। ये दोनों ही स्थान शिरडी के साईं मंदिर परिसर की दक्षिण दिशा में है जो साईं बाबा का समाधी मंदिर भी कहा जाता है।
ऐसे होती है मनोकामना पूरी
अगर किसी की कोई समस्या का समाधान नहीं हो पाता तो कहा जाता है कि शिरडी के द्वारका माई मंदिर के परिक्रमा करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती है। परिक्रमा करने के बाद जो कोई भी वहीं बैठकर साई बाबा के मंत्रों का जप साईं का ध्यान करते हुए करता है उसकी सभी मनोकामना पूरी हो जाती है।
साई नाथ मंत्र- ।। ॐ सद्गुरु साईं देवाय नमः ।।
साईं भक्तों का मानना है की शिरड़ी के साईं मंदिर में प्रवेश करने मात्र से भक्त की कामनाएं बिना कहे ही भगवान साईंनाथ पूरी कर देते हैं।
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