दुर्गा रुप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता,मन नहीं घबराता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ तुम बिन यज्ञ न होते,वस्त्र न कोई पाता। खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर,क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ महालक्ष्मीजी की आरती,जो कोई जन गाता। उर आनन्द समाता,पाप उतर जाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ देवी लक्ष्मी के मंत्र
1. लक्ष्मी बीज मन्त्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
2. महालक्ष्मी मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ 3. लक्ष्मी गायत्री मंत्र
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि,
तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥