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Shani Jayanti 2024: कब है शनि जयंती, इस उपाय से शनि बना देते हैं बिगड़ी बात

Kab Hai Shani Jayanti 2024 सूर्य पुत्र शनि हिंदू धर्म वालों के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। मान्यता है कि व्यक्ति के जीवन, कर्म और भाग्य पर शनि देव का सबसे अधिक असर पड़ता है। शनि की नाराजगी से किस्मत फूट सकती है तो प्रसन्न होने पर बिगड़ी बन जाती है। ऐसे शनि देव की कृपा का खास दिन शनि जयंती है, जिस दिन शनि के आसान उपाय कर्मफलदाता को सरलता से प्रसन्न कर देता है तो आइये जानते हैं कब है शनि जयंती, क्या हैं शनि के उपाय और शनि जयंती पर क्या करें…

भोपालMay 18, 2024 / 02:09 pm

Pravin Pandey

Kab Hai Shani Jayanti 2024 Muhurt

शनि जयंती 2024 पूजा मुहूर्त और शनि जयंती उपाय

Shani Jayanti 2024: सूर्य और छाया पुत्र शनिदेव का जन्मदिवस ही शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि ज्येष्ठ अमावस्या को शनिवार के दिन शनि देव का जन्म हुआ था। इसलिए शनि जयंती को शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। शनि ग्रह, शनिवार के दिन को शनिदेव ही शासित करते हैं। हालांकि भारत में कैलेंडर में अंतर के कारण साल में दो बार शनि जयंती मनाई जाती है।

दक्षिण भारतीय अमावस्यान्त कैलेंडर के अनुसार शनि जयंती वैशाख की अमावस्या तिथि पर आती है। जबकि उत्तर भारत में पूर्णिमांत कैलेंडर गणना से यह ज्येष्ठ अमावस्या पर मनाई जाती है। इसी दिन अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में वट सावित्री व्रत भी मनाया जाता है। शनि जयंती पर भक्त शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते हैं और शनि मंदिरों में दर्शन कर भगवान शनि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। माना जाता है कि भगवान शनि निष्पक्ष न्याय में विश्वास करते हैं और भक्तों को सौभाग्य और समृद्धि देते हैं। जिन लोगों पर भगवान शनि का आशीर्वाद नहीं होता, उन्हें जीवन में कड़ा परिश्रम करने के बाद भी किसी प्रकार का कोई फल नहीं मिलता और वे वर्षों तक बिना कुछ प्राप्त किए परिश्रम करते रहते हैं।

कब है शनि जयंती

उत्तर भारत में शनि जयंती ज्येष्ठ अमावस्या को मनाई जाएगी। इस साल ज्येष्ठ अमावस्या तिथि की शुरुआत बुधवार 5 जून 2024 को रात 7.54 बजे हो रही है और यह तिथि बृहस्पतिवार 6 जून को शाम 6.07 बजे तक है। हमारे यहां सूर्योदय के समय जो तिथि रहती है, वही तिथि मानी जाती है। इसलिए शनि अमावस्या बृहस्पतिवार 6 जून 2024 को है, यानी शनि जयंती 6 जून को है। विशेष बात है कि इस दिन बेहद शुभ धृति योग रात 10.09 बजे तक बन रहा है। मान्यता है कि इस योग में पूजा साधना और विशेष रूप से गणेश जी की पूजा से मनोवांछित फल मिलते हैं। साथ ही इस योग में किए काम सफल होते हैं।
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शनि जयंती पर क्या करें और शनि पूजा का महत्व (Shani Jayanti Par Kya Karen)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि जयंती पर भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए हवन, होम और यज्ञ करना चाहिए। शनि जयंती पर सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान शनि तैलाभिषेकम और शनि शांति पूजा है। कुंडली में शनि की साढ़े साती चल रही है तो इस शनि दोष के प्रभाव को कम करने के लिए शनि तैलाभिषेकम और शनि शांति पूजा जरूर करनी चाहिए।
इससे हर व्यक्ति का उद्धार हो जाता है, गरीब धनवान हो जाता है। हर क्षेत्र में सफलता मिलने लगती है। हर मनोकामना पूरी होने लगती है। दुर्भाग्य दूर होता है, आर्थिक, मानसिक, शारीरिक कष्ट से छुटकारा मिलता है। खास बात यह है साल 2024 (विक्रम संवत 2081) के मंत्री शनि देव हैं, इसलिए इस साल शनि की पूजा से सबसे अधिक लाभ मिलेगा। आइये जानते हैं शनि जयंती के उपाय और शनि जयंती पर क्या करें …
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शनि तैलाभिषेकम्ः शनि जयंती पर सूर्यास्त के बाद शनि मंदिर में शनि देव की प्रतिमा पर सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए। साथ ही शनि देव को काला कपड़ा चढ़ाएं और तेल का दीपक जलाकर उसमें काले तिल डालें। साथ ही शनि चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि इससे नौकरी, व्यापार और धन संबंधित समस्याओं का अंत हो जाता है।
शनि की साढ़ेसातीः ज्योतिषियों के अनुसार शनि जयंती के दिन सुबह जल में गुड़ या चीनी डालकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं और शाम को पीपल के पेड़ के सामने दीपक जलाकर शनि मंत्र ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम, छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम् का 108 बार जाप करें। मान्यता है कि इसके प्रभाव से लक्ष्य पूरा करने में आ रहीं बाधाएं दूर हो जाती हैं। इससे दरिद्रता दूर होती है।
काले घोड़े की नाल यहां लटकाएं: शनि जयंती के दिन घर या दुकान में काले घोड़े की नाल अभिमंत्रित करके शुभ मुहूर्त में लटका दें, मान्यता है इससे नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। इससे परिवार सुरक्षित रहता है, व्यापार में प्रगति होता है।
शनि से जुड़ी चीजों का दान: आचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार शनि जयंती पर शनि से जुड़ी चीजें काले वस्त्र, काली दाल, काले तिल और सरसों का तेल किसी गरीब या जरूरतमंद को दान करना चाहिए। कुष्ठ रोगी की मदद, मजदूरों को जल अन्न देना, ये आपके सोये भाग्य को जगा सकता है।

छाया दानः यदि घर में कोई रोगी है, किसी बच्चे को नजर लगी है या किसी भी प्रकार से परेशान हैं तो व्यक्ति को शनि जयंती पर छाया दान करना चाहिए। इसके लिए एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर जिस व्यक्ति को परेशानी है उसे अपना चेहरा देखना चाहिए और फिर इस तेल का दान कर देना चाहिए।
(नोट-इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं, www.patrika.com इसका दावा नहीं करता। इसको अपनाने से पहले और विस्तृत जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।)

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