scriptJyeshtha Purnima Upay : ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इस पेड़ की पूजा से विवाह की बाधा होती है दूर, जानें इन 3 पेड़ पौधों की पूजा का महत्व | Jyeshtha Purnima Upay 2024 Pedo Ki Puja On Jyeshtha Purnima importance of Worshiping Banyan tree Peepal tree tulsi plant on Purnima vat vriksha puja removes obstacles in marriage | Patrika News
धर्म-कर्म

Jyeshtha Purnima Upay : ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इस पेड़ की पूजा से विवाह की बाधा होती है दूर, जानें इन 3 पेड़ पौधों की पूजा का महत्व

Jyeshtha Purnima Upay 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर वृक्षों की पूजा का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। मान्यता है कि इनमें देवी-देवताओं का निवास होता है। यदि आप का विवाह नहीं हो रहा है या दूसरी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं तो ज्येष्ठ पूर्णिमा उपाय या ज्येष्ठ पूर्णिमा पर खास वृक्षों की पूजा कर इनसे मुक्त हो सकते हैं। आइये जानते हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा पर किन पेड़ों की पूजा करें (pedo Ki Puja On Jyeshtha Purnima) …

भोपालJun 20, 2024 / 02:22 pm

Pravin Pandey

Jyeshtha Purnima Upay 2024

ज्येष्ठ पूर्णिमा उपाय पेड़ों की पूजा 2024

वट वृक्ष की पूजा

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है। इसमें त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश का निवास होता है। इसकी आयु ज्यादा होती है, इसलिए इसे अक्षय वट भी कहा जाता है। इसलिए ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ को जल अर्पित करने से आरोग्य, सुख समृद्धि और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है । इसके अलावा आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन बरगद के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी मिलती है, व्यापार में लाभ होता है।
मार्कण्डेय ऋषि को भगवान श्रीकृष्ण ने बरगद के पत्ते पर ही दर्शन दिए थे। मान्यता है कि वट वृक्ष को जल देने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और विवाह की बाधाएं दूर होती हैं और वट वृक्ष के नीचे हनुमान चालीसा पढ़ने से मानसिक शांति मिलती है। यह भी मान्यता है कि कोई लंबे समय से बीमार रह रहा है तो उसे अपने तकिए के नीचे बरगद की जड़ रखकर सोना चाहिए। घर में मंदिर के पास बरगद के पेड़ की टहनी रखने से परिवार में सकारात्मक माहौल बना रहता है।
ये भी पढ़ेंः Jyeshtha Purnima Date: ज्येष्ठ पूर्णिमा 21 जून को या 22 जून को, जानें कब करें वट पूर्णिमा व्रत और कब स्नान-दान, किस दिन कौन से योग

पीपल के पेड़ की पूजा

आप किसी भी आश्रम और धार्मिक स्थान पर पीपल का पेड़ जरूर देखें होंगे, इसका विशेष महत्व है। हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी, देवताओं, पितरों और तीर्थों का निवास होता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर पीपल की परिक्रमा कर जल और मिठाई चढ़ाने से मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है। इससे व्यक्ति को सुख-समृद्धि मिलती है, आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है, घर में शांति बनी रहती है।
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने और धूप-दीप से आरती करने से भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलत है। इससे जीवन में खुशहाली आती है, धन, वैभव और सफलता मिलती है। इसकी पूजा से पाप नष्ट हो जाता है, पूर्णिमा-अमावस्या पर जल देना पितरों का भी आशीर्वाद दिलाता है। इस दिन पीपल के पौधे लगाने और पूजा करने से पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है।
ये भी पढ़ेंः Vat Savitri Vrat Katha: वट सावित्री व्रत कथा पढ़ने से मिलता है अखंड सौभाग्य, सुख-समृद्धि और संतान का वरदान

तुलसी पूजा

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर तुलसी पूजा बेहद शुभ मानी जाती है। इस दिन तुलसी की पूजा करने से धन से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं। मान्यता है कि तुलसी पूजा से कुंडली के दोष दूर होते हैं, भाग्य साथ देने लगता है। इसके कारण आध्यात्मिक शांति, समृद्धि, सौभाग्य और निरोगी काया का आशीर्वाद मिलता है।

Hindi News/ Astrology and Spirituality / Dharma Karma / Jyeshtha Purnima Upay : ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इस पेड़ की पूजा से विवाह की बाधा होती है दूर, जानें इन 3 पेड़ पौधों की पूजा का महत्व

ट्रेंडिंग वीडियो