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मकर संक्राति पर राशि अनुसार इन 12 मंत्रों से करें सूर्य पूजन, आएगी सुख-समृद्धि

धर्मग्रंथों के अनुसार मकर संक्रांति (इस बार 15 जनवरी, शुक्रवार) को सूर्य
शनि के घर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, अतः संक्रांति पर सूर्य पूजन का विशेष महत्व है

Jan 14, 2016 / 03:47 pm

सुनील शर्मा

foreigner woman in nasik kumbh

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धर्मग्रंथों के अनुसार मकर संक्रांति (इस बार 15 जनवरी, शुक्रवार) को सूर्य शनि के घर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य की उत्तरायण गति प्रारम्भ होते ही इस दिन से देवों का दिन शुरु हो जाता है। चूंकि सूर्यदेव में सारे देवताओं का वास माना जाता है, इसलिए संक्रांति पर सूर्य पूजन का विशेष महत्व है।

किसी भी राशि के लिए सूर्य की प्रसन्नता वर्षभर सुख और समृद्धि की कृपा करने वाली होती है। ऐसे में यहां जानिए मकर संक्रांति पर 12 राशि वाले उन मंत्रों को जिनसे सूर्यदेव को अर्ध्य दिया जाता है, फिर इसी पूजन से आपके लिए वैभव की प्राप्ति होती है। परन्तु ध्यान रखें कि सभी राशियों के लिए संक्रांति पर तिल के तेल के दीपक से ही आरती करनी है।

ये हैं आपकी राशि अनुसार सूर्य को अर्ध्य देने के लिए मंत्र

मेष राशि

सभी 12 राशियों में राशियों में पहली, इस राशि का मंत्र है – ऊँ नित्यानन्दाय नम:।
सूर्य के पूजन को अर्ध्य तैयार करें। सबसे पहले, एक तांबे के लोटे में जल और तिल लें। उसमें थोड़ा सा गुड़ और लाल कनेर का फूल मिला लें। मंत्र के साथ सूर्य को अर्ध्य प्रदान करें। तिल के तेल के दीपक से आरती भी करें।

वृषभ राशि
सूर्य देव के अर्ध्य के लिए एक लोटे में तिल व जल लें। सफेद चंदन मिलाएं, सफेद फूल भी डालें। इसके बाद ‘ऊँ जगत नन्दाय नम:।’ मंत्र के साथ अर्ध्य प्रदान करें। आरती करें।

मिथुन राशि
लोटे में जल व तिल लें। इसमें दूर्वा डालें और अष्टगंध मिलाएं। ‘ऊँ जस्कराय नम:’ जपते हुए सूर्य को अर्ध्य प्रदान करें। आरती करें।

कर्क राशि
सूर्य को दिए जाने वाले अर्ध्य में जल, तिल लें। इसमें थोड़ा दूध मिलाएं और सफेद फूल डालें। ‘ऊँ आत्मरूपिणे नम:’ राशि मंत्र से सूर्य को अर्ध्य दें। आरती भी करें।

सिंह राशि
सूर्यार्घ के लिए लोटे में जल , तिल और कुमकुम लें। आक का फूल मिलाएं। ‘ ऊँ सर्वाय नम:’ मंत्र के साथ अर्ध्य प्रदान करें और आरती उतारें।

कन्या राशि
इस राशि वाले लोग पानी, तिल, चंदन और दूर्वा घास के तिनके लेकर एवं ‘ ऊँ दीप्तमूर्तये नम:’ कहकर सूर्य को अर्ध्य प्रदान करें।

तुला राशि
लोटे में जल, तिल, सफेद चंदन और सफेद फूल डालकर अर्ध्य तैयार करें। ‘ऊँ श्रीमंते नम:’ मंत्र के साथ सूर्यदेव को अर्ध्य प्रदान करें।

वृश्चिक राशि
बर्तन में जल, तिल, लाल चंदन और लालकनेर के फूल लेकर सूर्यदेव को अर्ध्य समर्पित करें। यह मंत्र भी जपें – ऊँ ब्रह्मणे नम:।

धनु राशि
तिल और केसर को पानी में मिलाकर अर्ध्य तैयार करें। अर्ध्य देते समय सूर्य मंत्र ‘ऊँ वीराय नम:’ का जप करें।

मकर राशि
इस दिन सूर्य धनु राशि छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है, तो इस राशि वालों को काले तिल मिले जल से सूर्यार्घ देना चाहिए। पूजन के वक्त ‘ऊँ जयाय नम:’ मंत्र के साथ सूर्य के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।

कुंभ राशि
इस राशि वाले भी काले तिल मिले जल से सूर्यार्घ देवें। पूजन ‘ ऊँ सत्यानन्द-सर्वस्वरूपिणे नम:’ मंत्र के साथ करें। एवं सूर्य देव के निमित्त दीपक भी जलाएंं।

मीन राशि
सूर्यार्घ देने के लिए बर्तन के जल में तिल और केसर मिलाएं। इसके पश्चात् ऊँ भगवते नम: कहकर सूर्य देव का पूजन करें। इस प्रकार मंत्रो से 12 राशियों वाले जातक भी वैभव की भागी होते हैं और मकर संक्रांति का पर्व खास बन जाता है।


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