पंडित शर्मा के अनुसार मंगलवार को या अन्य किसी भी दिन श्री हनुमाष्टकम, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक, सुन्दरकाण्ड, श्री रामचरितमानस, आदि के पाठ खास माने गए हैं। राम नाम से मुंह पवित्र होता है, ब्रह्मज्ञान से ह्रदय पवित्र होता है, तीर्थ गमन से चरण पवित्र होते हैं, और दान पुण्य से हाथ पवित्र होते हैं। मन के अनुकूल तो हरि कृपा, मन के विपरीत तो हरि इच्छा।
सभी प्रकार के कष्टों से निवारण के लिए
– ॐ तेजसे नम:!
– ॐ प्रसन्नात्मने नम:!
– ॐ शूराय नम:!
– ॐ शान्ताय नम:!
– ॐ मारुतात्मजाय नमः!
– ॐ हं हनुमते नम:!
प्रसन्नता व यश-कीर्ति के लिए
“ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा!”
” ॐ पश्चिममुखाय गरुडाननाय पंचमुखहनुमते मं मं मं मं मं सकलविषहराय स्वाहा! ” – बिच्छू, बर्रै आदि विषधारी जीवों द्वारा काटने पर इस मंत्र को उच्च स्वर से उच्चारण करते हुए उस अंग का स्पर्श करें जहां जीव ने काटा है। कई बार ऐसा करने पर विष उतर जाता है।
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय भूतज्वरप्रेतज्वरचातुर्थिकज्वर विष्णुज्वरमहेशज्वरं निवारय निवारय स्वाहा! सर्वदुःख, रोग, विघ्न निवारण के लिए
: ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय आध्यात्मिकाधिदैवीकाधिभौतिक तापत्रय निवारणाय रामदूताय स्वाहा! : ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय पश्चिममुखे गरुडाय सकलविघ्ननिवारणाय रामदूताय स्वाहा!
: ॐ ऐं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रौं ह्रः ॐ नमो भगवते महाबलाय-पराक्रमाय भूत प्रेत पिशाची ब्रह्मराक्षस शाकिनी-डाकिनी-यक्षिणी पूतनामा-रीमहामारी राक्षस भैरव वेताल ग्रहराक्षसादिकान् क्षणेन हन हन भंजन भंजन मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामाहेश्व ररुद्रावतार ॐ ह्रं फट् स्वाहा। ॐ नमो भगवते हनुमदाख्याय रुद्राय सर्वदुष्टजन मुखस्तम्भनं कुरु कुरु स्वाहा। ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ठं ठं ठं फट् स्वाहा!
: ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा! : ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय ऊर्ध्वमुखे हयग्रीवास सकलजन वशीकरणाय रामदूताय स्वाहा! किसी एक मंत्र का जप कर सकते हैं।
धन-धान्य, सम्पदा प्राप्ति के लिए
: ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय भक्तजनमनः कल्पना कल्पद्रुमायं दुष्टमनोरथ स्तंभनाय प्रभंजन प्राणप्रियाय महाबल पराक्रमाय महाविपत्ति निवारणाय पुत्रपौत्र धनधान्यादि विधि सम्पत्प्रदाय रामदूताय स्वाहा! : ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चमुखाय उत्तरमुखे आदिवराहाय सकलसम्पत्कराय रामदूताय स्वाहा!
: ॐ व्यापकाय नमः! मान-सम्मान और यश प्राप्ति। : ॐ पिंगाक्षाय नमः! रोजगार की समस्या। : ॐ मारकाय नमः! : ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा! MUST READ : श्रीरामरक्षास्तोत्र के पाठ से होगी हर मनोकामना पूरी!
: श्री हनुमंते नम:! (हनुमान कवच मंत्र) : ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय देवदानवयक्षराक्षस भूतप्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी दुष्टग्रह बन्धनाय रामदूताय स्वाहा! : ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय दक्षिणमुखेय करालवदनाय नारसिंहाय सकल भूतप्रेतदमनाय रामदूताय स्वाहा!
: ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय परयन्त्रतन्त्रत्राटकनाशकाय सर्वज्वरच्छेदकाय सर्वव्याधिनिकृन्तकाय सर्वभयप्रशमनाय सर्वदुष्टमुखस्तंभनाय सर्वकार्यसिद्धिप्रदाय रामदूताय स्वाहा!
: ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा! : ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सव्रग्रहान् भूतभविष्यद्वर्तमानान् समीपस्थान सर्वकालदुश्टबुद्धीनुच्चाटयोच्चाटय परबलानि क्षोभय क्षोभय मम सर्वकार्याणि साधय साधय स्वाहा!
: ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय अक्षिशूलपक्षशूल शिरोऽभ्यन्तर शूलपित्तशूलब्रह्मराक्षसशूलपिशाचकुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा!
: “ॐ नमो हनुमते सर्वग्रहान् भूत भविष्यत्-वर्तमानान् दूरस्थ समीपस्यान् छिंधि छिंधि भिंधि भिंधि । सर्वकाल दुष्ट बुद्धानुच्चाट्योच्चाट्य परबलान् क्षोभय क्षोभय मम सर्वकार्याणि साधय साधय। ॐ नमो हनुमते ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं फट् । देहि ॐ शिव सिद्धि ॐ । ह्रां ॐ ह्रीं ॐ ह्रूं ॐ ह्रः स्वाहा।”
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार महावीर हनुमान की भक्ति आपको रोग, भय, दरिद्रता, तनाव, जीवन की समस्याओं से मुक्त करती है । बजरंग बली की भक्ति में हर समस्या का समाधान छुपा है, बस व्यक्ति को सच्चे मन और श्रद्धा के साथ राम भक्त हनुमान में खो जाना होता है। मान्यता है कि मंत्र जप के उपरांत उस मंत्र का दशांश संख्या में हवन कर लेने से मंत्र सिद्ध हो जाता है।
परन्तु यदि मंत्र जप, दशांश हवन, हवन सामग्री आदि की पूर्ण विधि में जाना है, तो उसके विस्तृत ज्ञान हेतु अन्य शास्वत ग्रंथों का अध्ययन मनन आवश्यक है।
: बाहरी शक्तियों से स्वयं की रक्षा के लिए – ॐ गुरुजी को आदेश गुरुजी को प्रणाम, धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि, आया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा, लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा, शब्द सांचा पिंड काचास्फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा!
: कार्य सिद्ध करने के लिए – हनुमान जाग – किलकारी मार, तू हुंकारे – राम काज सँवारे। ओढ़ सिंदूर सीता मैया का, तू प्रहरी राम द्वारे। मैं बुलाऊँ, तु अब आ, राम गीत तु गाता आ। नहीं आये तो हनुमाना, श्री राम जी ओर सीता मैया कि दुहाई। शब्द साँचा – पिंड कांचा, फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा!