नवग्रह के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ग्रह के अनुसार इन पौधों का पूजन कर जल अर्पित करें।
1- सूर्य – लाल गुलाब, मदार या कनेर
2- गुरु – केला, पंज बेल या गैंदी
3- शुक्र – गूलर, कनैर या तुलसी
4- शनि – शमी या शमा बैजंती
5- चंद्र – पलाश, कनेर या चमेली
6- बुद्ध – अपामार्ग, पान या बेला
7- मंगल – गुडहल, खैर या लाल चंदन
8- राहु – दूर्वा, नीम या सदा सुहाग
9- केतु – कुशा, पंज बेल या गैंदी
उपरोक्त सभी ग्रहों की शांति के लिए इस मंत्र का उच्चारण करते हुए प्रार्थना करना चाहिए।
ब्रह्मा, विष्णु, महेश, सूर्य, शशि, मंगल भय बाधा हर दो।
हे बुध, गुरु, भृगु, राहु, केतु, शनि दुख अनिष्ठ शांत कर दो।।
नक्षत्रों के पेड़ पौधे
1- कृतिका – वहेश
2- रोहिणी – बांस
3- मृगशिरा – जामुन
4- आर्र्द्रा – खैर
5- पुनर्वसु – शमी
6- पुष्य – चंदन
जानें शनि की शुभ दृष्टि से कैसे बदल जाता है व्यक्ति का भाग्य7- स्लेषा – वाकर
8- मघा – नागकेशर
9- पूर्वा फाल्गुनी – कस्टर
10- उत्तरा फाल्गुनी – महुआ
11- हस्त – कदम
12- चित्रा – चंदन
13- स्वाती – कोहा
14- विशाखा – रीठा
15- अनुराधा – मौलश्री
16- ज्येष्ठा – उमर
17- मूल – किखर
18- पूर्वाषाढ़ – खमेर
19- उत्तराषाढ़ – पीपर
20- श्रवण – फ्लास
21- धनिष्ठा – नीम
22- शतभिषा – आम
23- पूर्वा भाद्रपद – हर्र
24- उत्तरा भाद्रपद – शीशम
25- रेवती – बरगद
26- अश्विनी – बेल
27- भरणी – आंवला
28- अभिजीत – सीताफल
उपरोक्त नक्षत्रों की तिथियों में नक्षत्रों से संबंधित पेड़-पौधों का पंचोपचार पूजन करके जल अर्पित करने से जीवन में आने वाली बाधाओं से रक्षा होती है। साथ व्यक्ति की अनेक मनोकामनाएं भी पूरी होने लगती है।