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1- वेद के इस मंत्र को सुबह उठकर बिस्तर पर बैठे बैठे ही अपनी दोनों हथेलियां देखकर उच्चारण करने से जीवन का दुर्भाग्य खत्म हो जाता है।
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वति।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्।।
2- सुबह सोकर उठते ही इस वेद मंत्र का एक बार उच्चारण करते हुये धरती पर पैर रखने से आत्मबल और मनोबल प्राप्त होती है।
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्वमे॥
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3- सुबह अपने दांतों को साफ (मंजन) से पहले इस मंत्र का एक बार उच्चारण किया जाए तो उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
आयुर्बलं यशो वर्च: प्रजा: पशुवसूनि च।
ब्रह्म प्रज्ञां च मेधां च त्वं नो देहि वनस्पते।।
4-अगर प्रतिदिन इस वेद मंत्र का उच्चारण करते हुए स्नान किया जाए तो अनेक पवित्र तीर्थों में स्नान का लाभ मिलने के साथ कई पापों का नाश भी हो जाता है।
स्नान मन्त्र गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥
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5- हर रोज स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को इस मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्ध्य दिया जाए तो जीवन का सभी अंधकार दूर हो जाता है।
ॐ भास्कराय विद्महे, महातेजाय धीमहि, तन्नो सूर्य:प्रचोदयात।
6- भोजन करने के बाद इस वेद मंत्र का उच्चारण करने से देवता प्रसन्न होकर धनधान्य का वरदान देते हैं।
अगस्त्यम कुम्भकर्णम च शनिं च बडवानलनम।
भोजनं परिपाकारथ स्मरेत भीमं च पंचमं।।
अन्नाद् भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः।
यज्ञाद भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्म समुद् भवः।।
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7- शाम के समय पूजा में इस वेद मंत्र का 1 माला जप करने से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त हो जाती है।
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
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