आषाढ़ मास में क्या करें
- आषाढ़ में भगवान विष्णु की पूजा कर, उनके मंत्र का जाप करना चाहिए।
- आषाढ़ में स्नान दान का विशेष महत्व है, ऐसे में पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए।
- आषाढ़ में भगवान सूर्य की उपासना करें और उन्हें जल अर्पित करें।
- आषाढ़ में छाता, पानी से भरे घड़ा, खरबूजा, तरबूज, नमक, आंवले का दान शुभ है।
- आषाढ़ में भगवान विष्णु, भगवान शिव, मां दुर्गा, भगवान हनुमान की पूजा करने से ग्रह दोष से छुटकारा मिलता है।
आषाढ़ में क्या न करें
- आषाढ़ में भगवान श्री हरि चिरनिद्रा में रहते हैं, इसलिए इस महीने शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।
- आषाढ़ में जल का अपमान यानी पानी की बर्बादी भूलकर भी न करें।
- आषाढ़ में हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन न करें।
4 आषाढ़ में तामसिक चीजों जैसे,मसूर की दाल, बैंगन शराब और मास मदिरा को न छूएं।
आषाढ़ महीने में इन मंत्रों का जाप करें
आषाढ़ में रोज सुबह पूजा करते समय नीचे दिए गए इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। इनसे नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलता है और जीवन में धन धान्य की कमी नहीं होती।
- ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय।
- ऊँ रामदूताय नम:।
- कृं कृष्णाय नम:।
- ऊँ रां रामाय नम:।